मधुमेह से पीड़ित बच्चों के निदान और उपचार की सरकारी योजना लागू करने वाला दुनिया का सबसे पहला प्रदेश बना गुजरात

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मधुमेह से पीड़ित बच्चों के निदान और उपचार की सरकारी योजना लागू करने वाला दुनिया का सबसे पहला प्रदेश बना गुजरात

गोपेंद्र नाथ भट्ट की खास रिपोर्ट

नई दिल्ली: बच्चों के स्वास्थ्य विशेष कर मधुमेह से पीड़ित बच्चों के निदान और उपचार के लिए गुजरात सरकार ने दुनिया भर में सबसे पहलें एक अनुकरणीय पहल की है।

विश्व में सबसे अधिक मधुमेह (टाइप-1 डायबिटीज) पीड़ित बच्चों वाले भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह प्रदेश गुजरात में सबसे पहलें राज्य सरकार ने अपने वर्ष 2023-24 के बजट में किशोर मधुमेह से पीड़ित बच्चों को समय पर निदान और उपचार प्रदान करने के लिए अपने बजट में 13 करोड़ 88 लाख रु का प्रावधान किया है। यह राशि आवश्यकता अनुसार बढ़ाई जायेंगी।

दुनिया में मधुमेह पीड़ित बच्चों की संख्या की दृष्टि से दूसरे स्थान पर आने वाले विकसित देश अमरीका के किसी प्रान्त में भी सरकारी स्तर पर यह सुविधा उपलब्ध नही है।वहाँ केवल बीमा धारक बच्चों को ही निः शुल्क इंसुलिन आदि सुविधाएं मिलती है।

गुजरात सरकार द्वारा मधुमेह पीड़ित बच्चों के लिए मंज़ूर उक्त राशि का उपयोग राज्य के स्कूलों में बच्चों और किशोरों की जाँच करने और उन्हें निः शुल्क इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से
करेंगी।

यह महती योजना राज्य के सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों (नगर पालिका क्षेत्र, महानगर पालिका क्षेत्र और अधिसूचित क्षेत्र) में भी लागू की जाएगी और मधुमेह (टाइप-1 मधुमेह) रोग से ग्रसित सभी रोगी बच्चे और
किशोर इससे लाभान्वित होंगे।

इस योजना के अन्तर्गत जुवेनाइल वेनियल डायबिटीज (टाइप-1 डायबिटीज) पीड़ित सभी बच्चों की नियमित जाँच और नियमित निदान और उपचार की सुविधा मिलेंगी।साथ ही 18 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग करने के लिए स्कूल स्वास्थ्य और बाल देखभाल टीम और मोबाइल स्वास्थ्य टीम मिल कर कार्य करेंगी ।

योजना के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और शहरी चिकित्सा केंद्र (एचडब्ल्यूसी) में भी 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बच्चों की नियमित जांच और उपचार किया जायेगा।

बच्चों में मधुमेह के प्रति देश-विदेश में जागरूकता पैदा करने के कार्य में पिछलें कई वर्षों से जुटी हुई डॉ स्मिता बेन जोशी और डॉ रावल शुक्ला ने विश्व भर में सबसे पहले गुजरात में मधुमेह बच्चों के लिए लागू की जा रही इस योजना को वरदान स्वरूप बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री डॉ मनसुख भाई मंडाविया ,गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश भाई पटेल का हार्दिक आभार जताया है और कहा है कि विश्व गुरु भारत की यह उपलब्धि दुनिया के मधुमेह पीड़ित बच्चों में रोशनी की एक नई किरण बन कर उभरेंगीं।

उल्लेखनीय है कि डॉ स्मिता बेन जोशी और डॉ रावल शुक्ला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह नगर बड़नगर से सटे विश नगर की निवासी है और बच्चों में मधु मेह के प्रति सरकार चिकित्सा जगत और समाज के विभिन्न वर्गों में जागरूकता के लिए अपने स्वयं के खर्चे से भारत और अमरीका में 7500 किमी लम्बी यात्राएं कर चुकी है। हाल ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमरीका यात्रा में भी उनसे मुलाक़ात की थी।