मध्यप्रदेश में भी लागू हो सकता है ‘मंत्रिमंडल विस्तार का गुजरात मॉडल’…!

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CM Mohan Yadav's VC

मध्यप्रदेश में भी लागू हो सकता है ‘मंत्रिमंडल विस्तार का गुजरात मॉडल’…!

कौशल किशोर चतुर्वेदी

विधानसभा चुनाव के ठीक दो साल पहले गुजरात में मंत्रिमंडल विस्तार आकार ले रहा है। मुख्यमंत्री को छोड़कर पूरे मंत्रिमंडल का इस्तीफा हो चुका है। हालांकि गुजरात में ऐसा पहले भी पिछली विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भी हो चुका है। पर गुजरात के अलावा दूसरे बड़े राज्यों में इस तरह का प्रयोग भारतीय जनता पार्टी नहीं कर पाई है। गुजरात में भाजपा ने सभी तरह के प्रयोग करने में इसलिए सफलता पाई है क्योंकि वहां पर मोदी-शाह की निगाहें सब पर हैं और उनके हर फैसले सफलता की मंजिल को भी छूते हैं। यही वजह है कि 21वीं सदी में भाजपा का मुकाबला गुजरात में कोई भी राजनैतिक दल करने की स्थिति में नहीं है। और अब गुजरात की तर्ज पर ही जिस तरह मोदी-शाह टीम ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मुख्यमंत्री के नए चेहरे स्थापित किए हैं, इससे लगता है कि मंत्रिमंडल विस्तार की राह भी परंपरागत तौर से अलग हटकर गुजरात की राह पकड़ सकती है। मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के कयासों का दौर लगातार जारी है। ऐसे में ‘मंत्रिमंडल विस्तार का गुजरात मॉडल’ यदि मध्य प्रदेश की तरफ रुख करता है तो प्रदेश भाजपा सरकार, संगठन और मध्यप्रदेशवासियों के लिए यह एक अच्छा और नया अनुभव हो सकता है।

बात गुजरात की करें तो गुजरात में मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की संभावना है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। बैठकों का दौर जारी है। मुख्यमंत्री राज्यपाल को नए मंत्रिमंडल की सूची सौंपेंगे। और 17 अक्टूबर 2025 को राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा महात्मा मंदिर में मंत्रियों को शपथ दिलाने की पूरी संभावना है। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव सुनील बंसल गांधीनगर में डेरा डाले हैं। विस्तार से पहले की रात राज्य भाजपा और मुख्यमंत्री ने एक जरूरी मीटिंग बुलाई है। यह मीटिंग मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के गांधीनगर स्थित घर पर हैं और मौजूदा सरकार के सभी मंत्रियों को इस मीटिंग में शामिल होने के लिए कहा गया है। साथ ही, मीटिंग ऑर्गनाइजेशन के पदाधिकारियों को भी मौजूद रहना है। नई बॉडी में जिन विधायकों को जगह दी जाएगी, उनमें से ज्यादातर भाजपा से होंगे, यह संभावना जताई जा रही है। आने वाले विधानसभा चुनाव 2027 और नगर निगमों समेत लोकल सेल्फ-गवर्नमेंट चुनावों और राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात को ध्यान में रखते हुए, क्षेत्र और जाति के आधार पर समीकरण बनाकर नए मंत्रियों को चुना जा सकता है। ताकि राज्य में मौजूद विपक्ष को काफी हद तक खत्म किया जा सके।

तो गुजरात सरकार की कैबिनेट में सीएम भूपेंद्र पटेल को छोड़कर सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। राज्य में भाजपा सरकार अब एकदम नए मंत्रिमंडल के साथ नई शुरुआत करेगी। दूसरी तरह से कहा जाए तो सरकार के सभी 16 मंत्रियों से इस्तीफा ले लिया गया है। जानकारी के मुताबिक, गुजरात की भाजपा सरकार के कैबिनेट विस्तार में मंत्रिमंडल के लगभग 5 मंत्रियों को बरकरार रखे जाने की उम्मीद है जबकि कई पुराने चेहरों का पत्ता कट सकता है। वहीं, कैबिनेट में 16 नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। दो महिला विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावना है। नई कैबिनेट में लगभग 20 से 23 सदस्य होने की उम्मीद है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात भाजपा के नेतृत्व, जिसमें मुख्यमंत्री, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता शामिल थे, उनके साथ लंबी बैठक की थी। इस बैठक में कैबिनेट विस्तार समेत संगठन की भूमिकाओं में नए चेहरों को शामिल करने पर चर्चा हुई थी। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि कार्यभार संभालने वाले सभी नए चेहरे गुजरात के लोगों से जुड़ें और अपनी भूमिका संभालने के तुरंत बाद उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दें।

तो मुद्दे की बात यही है कि यदि ‘मंत्रिमंडल विस्तार का गुजरात मॉडल’ मध्य प्रदेश में लागू होता है तो करीब 10 चेहरे ही नए मंत्रिमंडल का हिस्सा बने रहने में सफल हो सकेंगे। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अलावा 30 मंत्री हैं। इनमें दो डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला भी शामिल हैं। यदि मंत्रिमंडल विस्तार में 15 मंत्रियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जाता है तब भी स्थितियां ‘बदली हुई भाजपा सरकार’ के संकेत देंगी। और जातिगत क्षेत्रीय समीकरणों को भी और बेहतर तरीके से साधा जा सकेगा। यदि ‘मंत्रिमंडल विस्तार का गुजरात मॉडल’ मध्य प्रदेश में भी लागू हुआ तो ‘मोदी-शाह’ के नेतृत्व में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी 2028 विधानसभा चुनाव की दृष्टि से अपने मंत्रिमंडल की नई तस्वीर की कल्पना तो अभी से कर ही सकते हैं…।

 

लेखक के बारे में –

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।