

Gulab Chakkar Now Bathed in Pink Light : पिता-पुत्री के स्नेह का प्रतीक शहर की विरासत गुलाब चक्कर अब गुलाबी रोशनी से सराबोर!
Ratlam : शहर के मध्य स्थित ऐतिहासिक महत्व के गुलाब चक्कर को अब नए स्वरूप में देखा जा सकेगा। कलेक्टर बाथम के प्रयासों से जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद द्वारा प्राचीन धरोहर गुलाब चक्कर का सौंदर्यीकरण कर आकर्षक प्रकाश सज्जा से सुसज्जित किया गया हैं। पूर्व समय में रतलाम के महाराजा हरबर्ट पैलेस में टेनिस खेलते थे तब यहां सरकारी बैंड की मधुर ध्वनि गुंजती थी। इसी को पुनः जीवंत करने के लिए मप्र. एसएएफ इन्दौर के सुप्रसिद्ध पुलिस बैंड की प्रस्तुति के साथ 8 जून 2025 को सायंकाल गुलाब चक्कर को आमजनों के लिए खोला गया हैं। पुलिस बैंड की प्रस्तुति के पश्चात गुलाब चक्कर के आकर्षक प्रकाश का संगीतमई प्रदर्शन उपस्थित नागरिकों के समक्ष किया गया।
कलेक्टर राजेश बाथम ने बताया कि गुलाब चक्कर परिसर में हुई प्रकाश सज्जा और साउण्ड व्यवस्था की विशेष सौगात से परिसर में सोमवार सुबह 7:30 बजे से पतंजलि योगपीठ की स्थानीय शाखा द्वारा योग कक्षाएं प्रारंभ होगी तथा आगामी पांच दिवसों में रोज गीत संगीत के कार्यक्रम होंगे। रतलाम की प्रतिभाओं को अवसर देने के लिए निशुल्क गीत प्रस्तुति का अवसर सुलभ रहेगा। आगंतुकों की सुविधा के लिए आगामी 2 माह में ओपन एयर रेस्टोरेंट भी प्रारंभ किए जाएंगे। प्रकाश सज्जा और साउंड सिस्टम का प्रदर्शन शाम को सूर्यास्त के 10 मिनट बाद और रात्रि 9:30 बजे नियमित रूप से किया जाएगा। कुछ महीनों तक इस परिसर को लगभग निशुल्क दिया जाएगा और बाद में भी अन्य स्थलों की किराया राशि से कम राशि पर परिसर उपलब्ध कराया जाएगा। सामाजिक सम्मेलन, शादी, व्यक्तिगत कार्यक्रम के लिए सुविधा नहीं रहेंगी।
गीत संगीत, आर्केस्ट्रा, कला, लोकनाट्य साहित्यिक गोष्ठी, इंडोर गेम्स, प्रशिक्षण कक्षाएं, योग कक्षाएं, रोलर स्केट्स, आनंद उत्सव, पिंक मेला, फ्लावर शो, खादी ग्रामोद्योग, हथकरघा, प्रदर्शन, पेंटिंग, पुस्तक मेला छायाचित्र प्रदर्शनी भी आयोजित की जा सकेंगी।
अपने उद्बोधन में कलेक्टर बाथम ने गुलाब चक्कर की सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गुलाब चक्कर का निर्माण 1879 ईस्वी में महाराजा रणजीत सिंह (186-1893 ईस्वी) के कार्यकाल में हुआ। राजा रणजीत सिंह की सुपुत्री गुलाब कुंवर के नाम पर स्थापित यह गोलाकार स्मारक रतलाम के सौंदर्य की पहचान बना। पिता-पुत्री के स्नेह का ऐसा प्रतीक कहीं और देखने को नहीं मिलता है।
तत्कालीन मुंशी शाहमत अली के निर्देशन में बनी रतलाम की महत्वपूर्ण इमारतों में यह भी एक आकर्षक स्थल रहा यहां रोजाना शाम के समय रोशनी होती थी। महाराजा जब हरबर्ट निवास के समीप टेनिस खेला करते थे तो यहीं पार्श्व में सरकारी बैंड की मधुर धुनें बजाई जाती थी। इसमें आकर्षक फव्वारे और चिड़ियाखाना भी था। गुलाब चक्कर चतुष्कोणीय आकार में बनी हुई संरचना है। इसके चारों कोनों पर स्थित स्तम्भों को मीनार का स्वरूप दिया गया है। इन स्तम्भों पर आकर्षक फूलों की आकृतियां अंकित हैं।
मीनार के स्वरूप में चारों कोने इस कला कौशल से बने हैं कि किसी भी कोण से देखने पर एक समान दृश्य दिखाई देता हैं। इसके चारों और बनी गोलाकार सीमा के कारण’ चक्कर’ की सार्थकता सिद्ध होती है। गुलाब चक्कर में चारों दिशाओं में फव्वारे स्थापित हैं। इन फव्वारों से कभी गुलाब की खुशबू लिए पानी की बौछारें उड़ा करती थीं। इस पूरे परिसर में तरह-तरह के गुलाब अपनी अपना सुंदरता और खुशबू पूरे परिवेश में बिखेरा करते थे।
इसी परिसर में साढ़े 4 क्विंटल का एक गोलाकार पत्थर भी हैं जिसकी भी अलग ही दास्तान हैं। खेलों के शौकीन राजा सज्जन सिंह ने सन 1900 में पंजाब के पहलवान गुलाम मोहम्मद का प्रदर्शन रतलाम में आयोजित करवाया था। पहलवान को साढे 4 क्विंटल का गोलाकार बड़ा पत्थर अपने सीने पर लेकर रणजीत विलास पैलेस से मित्र-निवास भवन तक ले जाना था। पहलवान अपने सीने पत्थर रख रामबाग तक पहुंचे किंतु पत्थर कालिका माता मंदिर के प्रवेश द्वार के कुछ पहले गिर गया था। उसके बाद लम्बे समय तक यह पत्थर वहीं पड़ा रहा था। यह पत्थर अब कलेक्टर राजेश बाथम ने इसी गुलाब चक्कर में रखवाया हैं और उसके उपर रोशनी भी की गई हैं बता दें कि यह स्थान देखरेख के अभाव में अपनी गरिमा खोता जा रहा था। इसे अपने मूल स्वरूप में लौटाने का प्रयास समय-समय पर होता रहा।
पुत्री के प्रति पिता के स्नेह की प्रतीक इस प्राचीन धरोहर का जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण एवं लाइट एंड साउंड सिस्टम पुरातत्व पर्यटन संस्कृति परिषद द्वारा अपनी निधि, मध्य प्रदेश शासन के जन भागीदारी मद, इप्का के सीएसआर मद और जन सहयोग से किया गया। रतलाम की इस ऐतिहासिक धरोहर का जीर्णोद्धार हो गया हैं। इसे नियमित उपयोग में लाया जाए ताकि इसका यह स्वरुप बना रहें और यह जन-उपयोगी हो।
रविवार की रात गुलाब चक्कर में शुभारंभ अवसर पर गायक कलाकारों ने अपनी सुमधुर आकर्षक वाणी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया जिसमें एसडीएम अनिल भाना, तहसीलदार ऋषभ ठाकुर, पाशर्व गायक कलाकार गिरीश शर्मा, आशीष दशोत्तर, अशोक दुबे, मल्हार बक्षी ने विशेष रूप से अपनी प्रस्तुति दी। पुलिस बैंड की आकर्षक प्रस्तुति ने सभी श्रोताओं का मन मोह लिया इस पर जिला प्रशासन की और से नकद राशि और मुमेंटो भेंटकर सम्मानित किया गया।
गरिमामय में कार्यक्रम में कलेक्टर राजेश बाथम, मनोज कुमार सिंह डीआईजी, डीआरएम अश्विनी कुमार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रृंगार श्रीवास्तव, एसडीएम अनिल भाना, संजीव पांडे, तहसीलदार ऋषभ ठाकुर, परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण अरुण कुमार पाठक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संध्या बेलसरे, डीएफओ दोहरे, समाजसेवी गोविंद काकानी, रमेश सोनी (पत्रकार), जिला समन्वयक जिला जन-अभियान परिषद के रत्नेश विजय वर्गीय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संध्या बेलसरे, डीएफओ दोहरे, एपी सिंह स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम, शिक्षिका सीमा अग्निहोत्री, डॉ प्रमोद प्रजापति, समाजसेवी सुभाष जैन, योग गुरु विशाल कुमार वर्मा, एडवोकेट प्रणय ओझा एवं जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारीयों सहित एवं बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहें। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार आशीष दशोत्तर ने किया!