Guna Tragic Accident:संजय, विजय, तरुण, अरुण…पूरे कुएं में भांग घुली है मोहन…

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Guna Tragic Accident: संजय, विजय, तरुण, अरुण…पूरे कुएं में भांग घुली है मोहन…

गुना में हुई बस दुर्घटना ने परिवहन विभाग की कलई खोलकर रख दी है। बस का न बीमा था और न ही फिटनेस। रोड टैक्स भी खत्म हो चुका था। बस 15 साल पुरानी थी। पर जरुरतमंदों की आंखों में धूल झोंकते हुए यह हत्यारी बस सड़क पर फर्राटे मार रही थी। गुना से आरोन जा रही बस की डंपर से टक्कर हुई थी। इसके बाद बस में आग लग गई और फिर हुए हादसे ने तेरह जिंदगियों को लील लिया। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सख्त हुए। कहा कि घटना में जो जिम्मेदार हैं, उसे नहीं छोड़ा जाएगा। गुरुवार को गुना का दौरा कर मुख्यमंत्री घायलों से मिले और हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को न बख्शने की बात कही। और फिर यह करके भी दिखा दिया।
भोपाल लौटकर परिवहन आयुक्त संजय झा, एसपी विजय खत्री, कलेक्टर तरुण राठी, परिवहन संभागीय उप आयुक्त अरुण सिंह को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। इससे पहले आरटीओ और नगर पालिका निगम के सीएमओ पर गाज गिर चुकी थी। संजय, विजय, तरुण और अरुण पर यह सख्त कार्यवाही दूसरे अफसरों की आंख खोलने का काम करेगी, शायद मुख्यमंत्री ने यही सोचा होगा। और उम्मीद भी करते हैं कि ऐसा ही हो। पर उम्मीदें अक्सर दिल तोड़ने का काम ही करती हैं। और यह इसलिए मुख्यमंत्री मोहन यादव, क्योंकि परिवहन रूपी पूरे कुएं में भांग घुली है। और इस भांग की खुमारी पूरे परिवहन महकमे को मदहोश कर रही है। तो संजय, विजय, तरुण और अरुण पर हुई कार्यवाही सभी जिम्मेदारों की आंखें खोल दे, इसके लिए मोहन को समय-समय पर अपना रौद्र रूप दिखाना ही पड़ेगा। वरना “रात गई और बात गई” की तर्ज पर परिवहन अपनी धुन में मस्त ही रहने वाला है।
जैसा मुख्यमंत्री ने कहा है कि बगैर परमिट चल रहे वाहनों के लिए परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी। उन्होंने सभी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को सतर्क रहने के लिए चेताया है। गुना जैसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने की नसीहत दी है। राज्य स्तर से सभी कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि यदि उनके क्षेत्र में बगैर परमिट के वाहन चलते हैं तो सतर्कता बरती जाए और दोषियों के विरुद्ध कठोर कदम उठाएं। परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्यवाही की जाए। गुना हादसे के लिए दोषी आरटीओ गुना और सीएमओ गुना को निलंबित किया गया है। गुना हादसे के बाद समय पर फायर ब्रिगेड उपलब्ध न कराए जाने के कारण नगर पालिका अधिकारी के निलंबन का कदम उठाया गया है‌।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियो का दायित्व निर्धारित करते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। ऐसी घटनाओं की पुनरावृति ना हो यह भी ध्यान रखा जाएगा।
यह संवेदनशील विषय है। इस संबंध में राज्य सरकार ने सजगता से ऐसी दुर्घटनाओं पर अंकुश के लिए भी निर्देश दिए हैं। सभी जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध राज्य सरकार आवश्यक रूप से सख्त कार्रवाई करेगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने अपर मुख्य सचिव गृह राजेश कुमार राजौरा को परिवहन विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपते हुए प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह को उक्त प्रभार से मुक्त करने संबंधी आदेश जारी किया है। शासन ने विशेष पुलिस महानिदेशक और परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा को परिवहन आयुक्त के पदभार से मुक्त करने संबंधी आदेश भी जारी कर दिया है।शासन से जारी आदेशानुसार गुना कलेक्टर तरुण राठी की नवीन पदस्थापना अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन के पद पर की गई है। गुना जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रथम कौशिक को कलेक्टर गुना का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इसी प्रकार गुना पुलिस अधीक्षक विजय कुमार खत्री की नवीन पदस्थापना सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय, भोपाल करते हुए जिले के वरिष्ठतम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को गुना पुलिस अधीक्षक का अतिरिक्त प्रभार सौंपने संबंधी आदेश जारी कर दिये गये हैं।
लब्बोलुआब बस इतना है कि अक्सर मुखिया बदलने पर ऐसी ह्रदय विदारक घटनाओं पर संजय, विजय, तरुण और अरुण पर कार्यवाहियों की झलक अक्सर नजर आती रही है। पर बाद में वही पुराना ढर्रा और ज्यादा मजबूत नजर आता है। अब मोहन युग में आमूलचूल परिवर्तन के लिए बहुत कुछ करना जरूरी है। ताकि मोहन मिसाल बनकर प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ आबादी के दिल में बस जाएं। और परिवहन को दुर्घटनाओं से मुक्ति मिले…।