पशुधन के उपचार के लिए ग्वालियर-चंबल संभाग को मिलेंगी 56 चलित पशु चिकित्सा इकाई

ग्वालियर-चंबल संभाग के प्रत्येक जिले का बनाया जायेगा कृषि प्लान, संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह ने कृषि प्लान के संबंध में अधिकालियों की बैठक ली

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पशुधन के उपचार के लिए ग्वालियर-चंबल संभाग को मिलेंगी 56 चलित पशु चिकित्सा इकाई

ग्वालियर: ग्वालियर-चंबल संभाग में पशु धन के उपचार हेतु शीघ्र ही 56 चलित पशु चिकित्सा इकाई (एम्बूलेंस) प्राप्त होंगीं। टोल फ्री नम्बर 1962 पर कोई भी पशुपालक कॉल करके पशुओं के उपचार के लिये एम्बूलेंस बुला सकेगा। इसके लिये मात्र 50 रूपए का शुल्क देना होगा। एम्बूलेंस के माध्यम से घर पर पहुँचकर चिकित्सक पशुओं का उपचार और गर्भाधान का कार्य भी करेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 12 जून को मध्यप्रदेश के लिये 406 एम्बूलेंसों का लोकार्पण करने जा रहे हैं।

संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश में कृषि विकास हेतु तीन वर्ष का कृषि प्लान बनाने हेतु आयोजित बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन सहित संबंधित विभागों की संयुक्त बैठक में यह तय किया गया कि ग्वालियर-चंबल संभाग के प्रत्येक जिले का एक विस्तृत प्लान तैयार किया जाए। संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह ने बैठक में निर्देश दिए हैं कि जिले का कृषि प्लान तैयार करते समय सभी विभागों की सभी योजनाओं का समावेश इसमें किया जाए।

संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह ने कहा है कि प्रत्येक जिले का कृषि प्लान तैयार करने के लिये 13 व 14 मई और 20 व 21 मई को ग्वालियर में आवासीय कार्यशाला आयोजित की जाए। जिसमें सभी विभागों के अधिकारी एकत्र होकर अपने-अपने जिले का प्लान तैयार कर सकें। उन्होंने यह भी कहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में कृषि एवं उद्यानिकी की फसलों में बढ़ोत्तरी के साथ ही गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। इसके साथ ही किसानों द्वारा उद्यानिकी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के लिये उन्हें बाजार भी उपलब्ध हो ऐसे प्रबंधन भी किए जाएं।

बैठक में यह भी तय किया गया कि ग्वालियर-चंबल संभाग में जिस तरह दुग्ध संघ द्वारा मिल्क रूट बनाए गए हैं, उसी तर्ज पर फलों और सब्जियों के लिये भी रूट निर्धारित किए जाएं। मत्स्य पालन के संबंध में कहा गया है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में अमृत तालाबों का निर्माण बड़ी संख्या में किया गया है। इन तालाबों में स्व-सहायता समूहों को मछली पालन के पट्टे देकर मछली पालन का कार्य भी बड़े पैमाने पर हाथ में लिया जाए।

बैठक में कृषि विभाग, पशुपालन, उद्यानिकी सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग की विस्तार से जानकारी दी और त्रि-वर्षीय प्लान के संबंध में की जा रही तैयारियों के बारे में भी बताया।