Gwalior News: बगैर अनुमति के सभा, रैली, जुलूस व धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध, DM ने धारा 144 के तहत जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश 

लायसेंसी हथियारों सहित अन्य मोथरे हथियारों के प्रदर्शन पर भी लगी पाबंदी 

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Gwalior News: बगैर अनुमति के सभा, रैली, जुलूस व धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध, DM ने धारा 144 के तहत जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और कटआउट, बैनर व होर्डिंग पर भड़काऊ बातों पर भी प्रतिबंध 
ग्वालियर: ग्वालियर जिले में धार्मिक, सामाजिक एवं राजनैतिक इत्यादि आयोजनों के दौरान बगैर पूर्व अनुमति के सार्वजनिक स्थल पर सभा, आमसभा, रैली, जुलूस, मौन जुलूस, धरना व प्रदर्शन इत्यादि पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही लायसेंसी हथियारों के साथ-साथ तलवार, बरछी, फरसा, लाठी, भाला इत्यादि मोथरे और धारदार हथियारों का प्रदर्शन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। कलेक्टर एवं दण्डाधिकारी श्री अक्षय कुमार सिंह ने जिले में विभिन्न प्रकार के आयोजनों को सफलतपूर्वक सम्पन्न कराने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लोकहित में भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत इस आशय का प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। इस प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 एवं अन्य दण्डात्मक प्रावधानों के अंतर्गत दण्डनीय होगा।  यह आदेश आगामी दो माह की अवधि तक प्रभावशील रहेगा।
जिला दण्डाधिकारी श्री सिंह ने इसी आदेश के जरिए जिले की सीमा के अंतर्गत निजी एवं सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी धर्म, व्यक्ति संप्रदाय, जाति व समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करते हुए किसी भी प्रकार के नारे, कटआउट, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स, होर्डिंग व झंडे इत्यादि लगाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। किसी भी भवन व सम्पत्ति पर भी आपत्तिजनक भाषा या भड़काऊ नारे लिखा जाना प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म मसलन फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम व ट्विटर इत्यादि पर किसी भी वर्ग, धर्म एवं संप्रदाय विशेष संबंधी भड़काऊ पोस्ट अपलोड करने एवं फॉरवर्ड करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
सार्वजनिक स्थल पर जुलूस, आमसभा व रैली इत्यादि की अनुमति देने के लिये संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अधिकृत किया गया है। एक से अधिक अनुविभाग में कार्यक्रम होने की स्थिति में अपर जिला दण्डाधिकारी ग्वालियर से अनुमति लेनी होगी।
धारा-144 के तहत जारी किए गए इस प्रतिबंधात्मक आदेश में स्पष्ट किया गया है कि शासन व प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों सहित पारिवारिक कार्यक्रमों मसलन विवाह समारोह, बारात इत्यादि के मामले में पूर्व से अनुमति लेने की जरूरत नहीं रहेगी। लेकिन ऐसे आयोजनों में भी अन्य प्रतिबंध लागू रहेंगे। विशेष परिस्थितियों व प्रकरण विशेष में जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में छूट अथवा शिथिलता संबंधी निर्णय लिए जा सकेंगे।