प्रयाग महाकुंभ में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा ‘ज्ञान महाकुंभ-2081’ का आयोजन 7 से 9 फरवरी तक
ज्ञान महाकुंभ से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन, भारतीय ज्ञान परम्परा के शिक्षा में समावेश को गति मिलेगी
भोपाल: शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास विश्व के सबसे बड़े धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक समागम प्रयाग महाकुंभ में 10 जनवरी से 10 फरवरी के बीच ‘ज्ञान महाकुंभ’ आयोजित करेगा। इस महाकुंभ में देश के शिक्षा जगत से छात्र, आचार्य, शिक्षाविद्, शोधार्थी, शिक्षा से जुड़े शासन-प्रशासन के पदाधिकारी, निजी शैक्षिक संस्थाओं के प्रतिनिधि आदि मिलकर देश की शिक्षा में आधारभूत परिवर्तन की प्रक्रिया को गति देने हेतु चिंतन-मंथन करेंगे।
आज विश्व संवाद केंद्र में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने बताया कि इस ज्ञान महाकुंभ के पूर्व शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा देश की चारों दिशाओं में भारतीय शिक्षा के महत्वपूर्ण केन्द्र हरिद्वार, नालंदा, पुडुचेरी एवं कर्णावती (अहमदाबाद) में ज्ञान कुंभ सम्पन्न हुए, जिसमें देशभर से शिक्षा जगत के हजारों लोगों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की एवं शिक्षा जगत के समसामायिक चुनौतियों पर मंथन किया।
उन्होंने बताया कि ‘ज्ञान महाकुंभ-2081’ में 10 जनवरी को उद्घाटन समारोह, 31 जनवरी को हरित महाकुंभ का आयोजन, 1 फरवरी ‘एक राष्ट्र, एक नामः भारत – राष्ट्रीय संगोष्ठी’ आयोजित की जाएगी। साथ ही एक माह तक शैक्षिक प्रदर्शनी का आयोजन, साहित्य वितरण, विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं एवं वैदिक गणित, सूचना प्रौद्योगिकी का शिक्षण, संस्कृत सम्भाषण वर्ग आदि कार्यक्रमों का आयोजन होगा। विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतो के साथ मिलकर शैक्षिक संगोष्ठियों एवं विमर्श का आयोजन किया जाएगा।
डॉ कोठारी ने बताया कि इस महाकुंभ में 7, 8 एवं 9 फरवरी को ‘भारतीय शिक्षा की राष्ट्रीय संकल्पना विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न होगा। पहले दिन 7 फरवरी को सुबह 11 उद्घाटन समारोह, दोपहर ढाई बजे से ‘निजी शैक्षिक संस्थाओं की शिक्षा में भूमिका’ पर राष्ट्रीय सम्मेलन, 8 फरवरी को साढ़े 10 बजे से छात्र सम्मेलन, महिला सम्मेलन और आचार्य सम्मेलन, दोपहर ढाई बजे से शासन-प्रशासन की शिक्षा में भूमिका पर राष्ट्रीय सम्मेलन एवं अंतिम दिन 9 फरवरी को सुबह साढ़े 10 से भारतीय ज्ञान परम्परा, भारतीय भाषा, शिक्षा से आत्मनिर्भरता विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठियां आयोजित की जाएगी। दोपहर ढाई बजे समापन समारोह होगा।
ज्ञान महाकुंभ के मुख्य संरक्षक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ एवं संरक्षक श्री विष्णुदेव साय हैं। ज्ञान महाकुंभ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा के केन्द्रीय संस्थानों के पदाधिकारी, केन्द्रीय एवं राज्यों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, तकनीकी एवं व्यावसायिक संस्थानों के निदेशक, निजी विश्वविद्यालयों एवं शैक्षिक संस्थानों के कुलाधिपति, कुलपति, अध्यक्ष-सचिव तथा प्रधानाचार्य, आचार्य (शिक्षक) महिलाएं एवं छात्र समुदाय आदि सहभागिता करेंगे।
इस ज्ञान महाकुंभ में शिक्षा के विभिन्न विषयों पर चिंतन-मंथन के माध्यम से देश की शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन हेतु भारतीय ज्ञान परम्परा को आधार बनाकर भारत केन्द्रित शिक्षा की पुनः स्थापना का संकल्प लेकर सभी लोग व्यक्तिगत व सामूहिक स्तर पर तथा अपने-अपने स्थान, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर इस कार्य को आगे बढ़ायेंगे ताकि यह देशव्यापी अभियान बन सके।