Gyanpeeth Award to Vinod Shukla: हिंदी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार

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Gyanpeeth Award to Vinod Shukla: हिंदी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार

विनोद काशिव की रिपोर्ट 

रायपुर-छत्तीसगढ़ के लिए आज एक और गौरवभरी खबर है। हिंदी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को इस साल का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा।

इसकी घोषणा आज (शनिवार) नई दिल्ली में ज्ञानपीठ चयन समिति ने की है। छत्तीसगढ़ से किसी साहित्यकार को पहली बार ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलेगा।

विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी, 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में हुआ था। शुक्ल के पिता का नाम शिवगोपाल शुक्ल व माता का नाम रुक्मणि देवी था।

बता दें कि राजनांदगांव जिला पूरे छतीसगढ़ में अपनी सांस्कृतिक, राजनैतिक, साहित्यिक और सामाजिक चेतना के लिए विख्यात है। श्री शुक्ल को कई राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दी बधाई

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित साहित्यकार, उपन्यासकार एवं कवि श्री विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार सम्मान की घोषणा पर हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत गौरव का क्षण बताया और कहा कि शुक्ल जी ने छत्तीसगढ़ को भारत के साहित्यिक मानचित्र पर गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान किया है।

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विनोद कुमार शुक्ल का साहित्य विचारों और संवेदनाओं का अद्वितीय संगम है, जो जनमानस को छूता है। उनकी रचनाओं में गहराई, मौलिकता और मानवीय सरोकारों की झलक मिलती है। उनका रचना संसार छत्तीसगढ़ की माटी की खुशबू को भारत के कोने-कोने में पहुँचाता है।

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ज्ञानपीठ जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित होना न केवल उनके सृजन की पहचान है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक एवं साहित्यिक वैभव की भी मान्यता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने उनके दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की है।