Gyanvapi Mosque : दीवार पर हिंदू देवी-देवताओं के निशान और प्रतीक चिन्ह

इस मस्जिद की तुलना अब अयोध्या मामले से करना शुरू हो गया

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Gyanvapi Mosque : दीवार पर हिंदू देवी-देवताओं के निशान और प्रतीक चिन्ह

Varanasi : यहां की ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Masjid Campus) में माता श्रृंगार गौरी की पूजा को लेकर हुए सर्वे शुरुआती रिपोर्ट में कई अहम सबूत ऐसे मिले हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर किया गया था। जानकारियां लीक करने के आरोप में हटाए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा की तरफ से अदालत में दाखिल की गई रिपोर्ट में कई खुलासे किए गए। उनकी रिपोर्ट में कहा गया कि कि ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार पर शेषनाग और हिंदू देवी देवताओं की कलाकृति साफ़ रूप से नजर आ रही है।

सर्वे के दौरान ये कलाकृतियां मस्जिद की दीवार के उत्तर से पश्चिम तक बनी हुई दिखाई दी है और वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी में भी इसके प्रमाण साफ तौर पर दर्ज किए गए हैं। शुरुआती दो दिनों में न्यायालय के आदेश पर सर्वे करने वाले एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा ने इस संबंध में रिपोर्ट अदालत में दाखिल कर दी है, जिसे कोर्ट ने अपने रिकॉर्ड में भी ले लिया है।

अदालत में दाखिल अपनी रिपोर्ट में अजय मिश्रा ने यह कहा है की मस्जिद की उत्तरी से पश्चिमी दीवार तक सिंदूरी रंग में हिंदू देवी देवताओं की कलाकृतियां और शेषनाग का प्रतीक चिन्ह मौजूद है। एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को कोर्ट के आदेश पर सूचनाएं लीक करने के आरोप में हटा दिया गया है, लेकिन उन्होंने अपनी रिपोर्ट में जो दावे किए हैं वह बेहद अहम बताए जा रहे हैं।

उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 6 मई को सर्वे के दौरान एक कलाकृति मूर्ति के रूप में प्रतीत हो रही है जिस पर सिंदूर का लेप लगा हुआ है। इस मूर्ति के आगे दीप जलाने के लिए एक ताखा भी बना हुआ है। मस्जिद की शिला पर ऐसी कुल 4 मूर्तियां हैं और यह दावा चौथे मूर्ति के लिए है। इसके अलावा रिपोर्ट में बैरिकेडिंग के अंदर पड़े मलबे की बात भी की गई है। बताया गया है कि यह मलबा भी शेषनाग के शिलापट्ट का ही हिस्सा हो सकता है। मलबे में जो कलाकृतियां मौजूद हैं, वह मस्जिद की पश्चिमी दीवार पर बनी कलाकृतियों से मेल खाती हैं।

इस मलबे की डिटेल जांच के लिए हिंदू पक्ष ने कोर्ट में अपील की है। एडवोकेट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में 6 और 7 मई को हुई कार्यवाही का जिक्र किया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इन सभी का कृतियों को 6 मई को देखा गया था इसके बाद 7 मई को मस्जिद परिसर में टूटे हुए देव विग्रहों, हिंदू देवी-देवताओं के प्रतीक चिन्ह और कलाकृतियों एवं अन्य महत्वपूर्ण सबूतों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई गई है।