H3N2: देश में फैल रहा एन्फ्लूएंजा, गले में खांसी, शरीर में दर्द

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 एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने देश में फैल रहे H3N2 एन्फ्लूएंजा से लोगों को सावधान रहने की अपील की है.

उन्होंने बताया कि ये बीमारी यह कोरोना के जैसी ही फैलती है. बुजुर्गों और पहले से ही किसी बीमारी से परेशान लोगों को इससे ज्यादा परेशानी हो सकती है. डॉ. गुलेरिया ने कहा कि इन्फ्लुएंजा-ए एच3एन2 वर्तमान में सांस की बीमारी का प्रमुख कारण है. बता दें इसको लेकर आईसीएमआर ने एक एडवाइजरी जारी की है. एक्सपर्ट का भी कहना है किकोविड प्रकोप के दौरान वायरस को लेकर बनाए गए अभियानों ने लोगों को वायरोलॉजी और विशिष्ट तनाव के बारे में अधिक जागरूक किया है.

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बता दें यह वायरस काफी लंबे समय से है और लोग संक्रमित हो रहे हैं. अब वे अपने श्वसन संक्रमण का नाम जानते हैं.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सोमवार को हेल्थ एक्सपर्ट्स के साथ H3N2 एन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की थी. बैठक में एक्सपर्ट्स ने कहा था कि देश में कोरोना के मामले कम हुए हैं, लेकिन फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं.

 

 

 

क्या है इन्फ्लूएंजा

इन्फ्लूएंजा एक मौसमी संक्रमण है, जिसे सीजनल फ्लू जुकाम के रूप में जानते हैं. ये संक्रमण सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है. यह एक शख्स से दूसरे शख्स में आसानी से फैलता है. भारत में इसके टीके को लेकर लोगों में जागरूकता की भारी कमी है जो एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती भी है. विशेषज्ञों का कहना है कि इन्फ्लूएंजा के टीके संक्रमण से बचने के लिए सबसे प्रभावी विकल्प हैं.

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‘इन्फ्लूएंजा के टीके सुरक्षित हैं’

मुंबई के कंसल्टेंट डायबेटोलाजिस्ट डा. राजीव कोविल की माने तो इन्फ्लूएंजा के टीके सुरक्षित हैं. खासकर गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए इन्फ्लूएंजा का वार्षिक टीकाकरण महत्वपूर्ण है. वहीं डा. जेजो करनकुमार का कहना है कि टीके इन्फ्लूएंजा संक्रमण के खिलाफ अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की कुंजी है.देश में जागरूकता की कमी के कारण सीजनल फ्लू को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है.