Hallmarking : स्वर्ण आभूषण के बाद अब चांदी के आभूषण पर भी होगी हॉलमार्किंग जरूरी!

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Hallmarking : स्वर्ण आभूषण के बाद अब चांदी के आभूषण पर भी होगी हॉलमार्किंग जरूरी!

Mumbai : सोने-चांदी के आभूषण के खरीदारो के लिए अच्छी खबर है भारत सरकार स्वर्ण आभूषणों के बाद अब चांदी के आभूषणों पर भी हॉलमार्किंग जरूरी करने जा रही हैं। जिसके लिए केंद्र सरकार शीध्र निर्णय लेगी, उपभोक्ता की मांग पर यह कदम उठाया जा रहा हैं। BIS के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि 3 से 6 महिनों के भीतर ब्यूरो इसे लागू करने के लिए तैयार हो सकता हैं।

बता दें कि अभी सोने के गहने और अन्य कलाकृतियों के लिए हॉलमार्क जरूरी है, हॉलमार्क से उत्पाद की शुद्धता सुनिश्चित होती है। जिससे ग्राहकों के हितों की रक्षा होती हैं, इसमें 6 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड सोने के गहनों पर अंकित होता हैं। चांदी के गहनों और अन्य कलाकृतियों पर भी हॉलमार्क अनिवार्य करने का निर्णय देश में चांदी के गहनों की शुद्धता को बचाने और ग्राहकों के हितों की रक्षा करने में सहायता मिलेगी!

जानिए क्या होता हैं हॉलमार्क!

अभी सोने के आभूषणों और कलाकृतियों पर हॉलमार्क अनिवार्य हैं। यह 6 अंकों का एचयूआईडी कोड होता है। जिसमें सोने की शुद्धता के बारे में जानकारी छिपी होती हैं।हॉलमार्क वाले सोने पर भरोसा किया जा सकता है।

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जानिए सोने के हॉलमार्क से जुड़ी जरूरी बातें!

हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों और कलाकृतियों को शुद्ध माना जाता हैं, लेकिन सोना खरीदते समय यह जरूर देखना चाहिए की हॉलमार्क पर किसी भी प्रकार की खरोच या धब्बा नहीं हो, इसके साथ ही हॉलमार्क स्पष्ट दिखाई देना चाहिए। ताकि कोई भी उसे देखकर सोने की शुद्धता के बारे में जानकारी हासिल कर सके, हॉलमार्क में अंकित 958 नंबर सोने की 23 कैरेट शुद्धता को दर्शाता है. ऐसे ही 916 नंबर 22 कैरेट और 750 नंबर 18 कैरेट सोने को दर्शाते हैं!

हॉलमार्किंग एक प्रक्रिया है जिसमें सोने, चांदी और अन्य कीमती धातुओं की गुणवत्ता और शुद्धता की जांच की जाती हैं और उन्हें एक विशेष चिह्न या निशान से प्रमाणित किया जाता है। यह प्रक्रिया उपभोक्ताओं को यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि वे जो उत्पाद खरीद रहे हैं वह वास्तव में वही हैं जो दावा किया जा रहा हैं।

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हॉलमार्किंग में आमतौर पर निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं!

1. नमूना लेना: एक नमूना लिया जाता है जिसे परीक्षण के लिए भेजा जाता है।
2. परीक्षण: नमूने का परीक्षण किया जाता है ताकि इसकी शुद्धता और गुणवत्ता का पता लगाया जा सके।
3. हॉलमार्किंग: यदि नमूना परीक्षण में उत्तीर्ण होता है, तो इसे एक विशेष चिह्न या निशान से प्रमाणित किया जाता है, जिसे हॉलमार्क कहा जाता है।

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हॉलमार्किंग के कुछ लाभों में शामिल हैं:

– उपभोक्ताओं को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि वे जो उत्पाद खरीद रहें हैं वह वास्तव में वही है जो दावा किया जा रहा है।
– यह उत्पादकों को अपने उत्पादों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है।
– यह उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने में मदद करता है।