

Handed Over Documents to IT DG : कांग्रेस विधायकों ने गोविंद राजपूत की बेनामी संपत्ति, RTO घोटाले से जुड़े दस्तावेज IT महानिदेशक को सौंपे!
जानिए, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मीडिया से इस बारे में क्या कहा!
Bhopal : मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में आज 21 मार्च को कांग्रेस विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने आयकर विभाग के महानिदेशक से भेंट की और मंत्री गोविंद राजपूत सहित परिवहन घोटाले की जांच की मांग की। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने महानिदेशक को मंत्री गोविंद राजपूत और उनके सहयोगियों की हजारों करोड़ की बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी सौंपे।
नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायकों ने महानिदेशक को एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें गोविन्द सिंह राजपूत मंत्री मप्र शासन के द्वारा लोकसेवक के पद पर रहते हुये भ्रष्टाचार कर अपने स्वयं एवं पत्नि तथा पुत्रों, रिश्तेदारो एवं अन्य लोगों के नाम से सैकडों एकड़ जमीन अवैध लेन देन कर खरीदने एवं बेनामी अवैध संव्यवहार की जाँच किये जाने एवं सम्पत्ति अटैच करने की मांग की गई।
उमंग सिंघार ने मीडिया से बातचीत करते हुए सोने के प्रतीकात्मक बिस्किट भी दिखाए और कहा कि परिवहन घोटाला में सिर्फ छोटी मछलियों को पकड़ा जा रहा है। एक सिपाही को गिरफ्तार किया जाता है लेकिन जो बड़े मगरमच्छ हैं, जिन्होंने हजारों करोड़ की अवैध संपत्ति बनाई है, जिनके पास पैसा पहुंच रहा था। उनपर कार्यवाही नहीं होती। उन्होंने कहा कि ये सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है इसलिए हमने पहले लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू और अब आयकर विभाग में शिकायत की है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमने आयकर विभाग को सोने और पैसों की जब्ती को लेकर बधाई दी साथ ही इस मामले में निष्पक्ष जांच सहित सभी बड़े नामों का खुलासा करने की मांग की है जिसपर महानिदेशक ने जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा की परिवहन घोटाले में शामिल सभी लोगों की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री और चुनावी हलफनामे में छुपाई गयी संपत्ति के दस्तावेज भी आयकर विभाग को सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आयकर विभाग जनता के हित को देखते हुए सामने लाएगा की ये सोने की ईंटें किसकी है। उन्होंने आगे कहा कि ये जनता की कमाई है और कांग्रेस पार्टी किसी मंत्री और अधिकारी को इसे खाने नहीं देगा। उन्होंने सरकार से पूछा कि जिस परिवहन विभाग का बजट ही 150-200 करोड़ है उसमें 5000 करोड़ का घोटाला कैसे हो रहा रहा था।