
Hans Editor Vivek Mishra:सुप्रसिद्ध कथाकार विवेक मिश्र बने देश की सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली साहित्यिक पत्रिका हंस के कार्यकारी सम्पादक .


विवेक मिश्र का परिचय –15 अगस्त 1970 को झांसी, बुन्देलखण्ड में जन्मे, विवेक मिश्र हिन्दी के समकालीन कथाकार हैं। उनके तीन कहानी संग्रह-‘हनियाँ तथा अन्य कहानियाँ’, ‘पार उतरना धीरे से’ एवं ‘ऐ गंगा तुम बहती हो क्यूँ ?’ तथा दो उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ एवं ‘जन्म-जन्मान्तर’ प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी कहानियों का बांग्ला और अँग्रेज्ती में भी अनुवाद हुआ है। उन्हें कहानी ‘कारा’ के लिए’ सुर्ननोस कथादेश पुरस्कार’, कहानी-संग्रह ‘पार उतरना धीरे से’ के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का ‘यशपाल पुरस्कार’, ‘हंस’ में प्रकाशित कहानी’ और गिलहरियाँ बैठ गयीं’ के लिए रमाकान्त स्मृति पुरस्कार 2016 और उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ के लिए किताबघर प्रकाशन का ‘जगत राम आर्य स्मृति सम्मान’ और कथा यू.के. का ‘इन्दु शर्मा कथा सम्मान’ मिला है। उनके दूसरे उपन्यास ‘जन्म-जन्मान्तर’ को वर्ष 2025 में स्पन्दन कृति सम्मान के लिए चुना गया है। वह इस समय एक पूर्णकालिक लेखक हैं और दिल्ली में रहते हैं।





