Happy Ending of Love : परिवार बना अड़चन, लेकिन फिर भी अदालत में जीती मोहब्बत!
Mumbai : माता-पिता की आपत्ति के बावजूद बी-फार्मा की स्टूडेंट को हाई कोर्ट ने उसके पति से मिला दिया। पति के कम पढ़े-लिखे होने के कारण परिवार शादी के खिलाफ था। परिवार ने शादी के बाद बेटी को घर बुलाकर फिर नहीं जाने दिया था। अदालत के आदेश पर दोनों का फिर मिलन हो गया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने परिवार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए प्यार की जीत के पक्ष में फैसला सुनाया। फैसले के बाद युवा जोड़े का मिलन हो गया।
हाईकोर्ट पहुंचे इस मामले में 23 साल की बी फार्मा स्टूडेंट को 7वीं पास ड्राइवर से प्यार हो गया था। हाईकोर्ट ने दो व्यस्कों के फैसले में सुनवाई के बाद कहा कि अदालत पिता को निर्देश देती है कि वह अपनी व्यस्क बेटी के फैसले को स्वीकार करें और किसी भी तरह से उसके और उसके पति के खिलाफ प्रतिक्रिया न करें। इस मामले में बेटी ने ड्राइवर के साथ भागकर शादी कर ली थी। दोनों ने यह कदम पांच साल के प्रेम संबंध के बाद उठाया था।
प्रेमी जोड़े ने जुलाई में जोड़े ने भागकर शादी कर ली थी। इसके बाद लड़की के माता-पिता की अस्वीकृति के बावजूद अपनी शादी को पंजीकृत कराया था। हालांकि उनकी खुशी कुछ ही समय के लिए रही, जब लड़की के माता-पिता ने उसे अपने पास आने के लिए मना लिया। अपने माता-पिता के घर पहुंचने पर उसे अपने पति के पास लौटने से रोक दिया गया। इसके कारण उसे हाईकोर्ट जाना पड़ा।
अदालत ने लड़की के माता-पिता को उसे अदालत में लाने के लिए नोटिस जारी किया। इस मामले में की जटिलता को भांपते हुए जजों ने लड़की से एकांत में मुलाकात की। अपने निजी कक्ष में मिलने के बाद न्यायाधीशों ने फैसला सुनाया। हाईकोर्ट के न्यायाधीशों से बातचीत में शुरुआत मे झिझकती रही। बाद में उसने कहा कि वह अपने माता-पिता की देखभाल तो करती है, लेकिन वह अपने पति के पास लौटने और अपनी पसंद की ज़िंदगी जीने के लिए संकल्पबद्ध है।
कोर्ट ने व्यक्तिगत आजादी को ऊपर रखते हुए कहा कि माता पिता ने बेटी को अपने पति के पास लौटने की अनुमति नहीं दी। पीठ ने कहा कि लड़की 23 साल की है और अच्छी तरह से शिक्षित है। ऐसे वह अपने पति के साथ रहना चाहती है, इसलिए वह अपनी इच्छा के अनुसार काम करने के लिए स्वतंत्र है। पीठ ने आदेश दिया कि पुलिस नवविवाहिता और उसके पति की सुरक्षा सुनिश्चित करें और पुलिस दंपति को उनके घर तक लेकर जाए।