Harassment Complaint : ‘पुलिस पंचायत’ में बहुओं से प्रताड़ना के मामले ज्यादा 

पुलिस और काउंसलर ने समझौता कराया, हिदायत दी और कानून बताए 

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   Indore : सप्ताह में एक दिन लगने वाली ‘पुलिस पंचायत’ में इस बार भी बुजुर्ग सास-ससुर पर बहुओं के जुल्म के मामले ज्यादा आए। एक कैंसर पीड़ित वृद्धा ने शिकायत करते हुए बताया कि उन्हें बहू परेशान करती है। इस पर बहू को बुलाया गया और बुजुर्गों के कानूनी अधिकार समझाए गए। उसने सास से समझौता किया और उन्हें खुशी से अपने साथ ले गई। इसी तरह अन्य 9 मामलों में भी पुलिस और काउंसलर ने समझौता कराया। एडीशनल DCP डॉ प्रशांत चौबे के नेतृत्व में काउंसलर डॉ आरडी यादव एवं पुरुषोत्तम यादव एवं गोतिया ने काउंसलिंग की कार्रवाई।
विजय नगर स्थित स्कीम नंबर 54 की एक कैंसर पीड़ित 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ बहू द्वारा मारपीट और गाली गलौज करने की शिकायत की गई थी। इस पर समझाइश के बाद बहू ने अपनी सास को प्रेम से रखने की बात स्वीकारी। भवरकुआं थाना क्षेत्र के गणेश नगर खंडवा नाका क्षेत्र की वृद्ध दंपति की शिकायत थी कि बहू से प्रताड़ित और पुत्र अलग रह रहा है, उसका कोई पता नहीं है। बहू और सास ससुर दोनों में पंचायत में समझौता कराया गया। बहू मजदूरी करके सास-ससुर का एवं पोता-पोती का पेट पाल रही है। सास-ससुर छोटा-मोटा वृद्धावस्था में भी काम कर रहे हैं। काफी विवाद पूर्ण स्थिति होने के बावजूद सास-ससुर और बहू के बीच में समझौता हुआ।
सुमन नगर की एक वृद्ध महिला ने उसके बड़े बेटे और बहू के प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की गई। उसके कमरे में बरसात का पानी छत से भारी लीकेज के कारण काफी परेशान हो रही थी। बेटे ने ध्यान नहीं दिया। उसे समझाया गया गया, तो उसने मकान दुरुस्त करने की बात कहीं। वहीं अन्नपूर्णा के जनसेवा नगर में एक विधा बुजुर्ग महिला भी अपनी बहू से परेशान थी, जिसमें पंचायत में समझाया गया।
पुलिस पंचायत में विजय नगर क्षेत्र भमोरी स्थित 71 वर्षीय बुजुर्ग पड़ोसी द्वारा अवैध निर्माण करने से परेशान और अलग से दादागिरी की शिकायत की गई। पंचायत ने पडोसी को बुलाया था, उसने अपनी गलती स्वीकार करते हुए अतिक्रमण हटाने की सहमति दी।

आधे मामलों में सहमति
‘बुजुर्ग पुलिस पंचायत’ में लगातार बुजुर्ग अपनी शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। पंचायत में बुधवार को भी 18 प्रकरण पहुंचे थे, जिनमें से 9 मामले में पुलिस ने सहमति से समझौता करवाया गया, जबकि पांच मामले ऐसे थे, जिनमें एक पक्ष नहीं पहुंचा था। इसलिए इनकी तारीख बढ़ा दी गई है। साथ ही चार प्रकरणों में एक सप्ताह का विचार विमर्श के लिए आपसी समझौते के लिए समय दिया गया।