Hari-Har Milan at Ujjain:हर ने सौंपा हरि को सृष्टि का भार,साक्षी बने देश भर से आये श्रद्धालु

वैकुण्ठ चतुर्दशी पर उज्जैन में हुआ सृष्टि की सत्ता का हस्तांतरण

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Hari-Har Milan at Ujjain:हर ने सौंपा हरि को सृष्टि का भार,साक्षी बने देश भर से आये श्रद्धालु

*उज्जैन से मुकेश भीष्म की विशेष रिपोर्ट*

उज्जैन।उज्जैन में वैकुण्ठ चतुर्दशी पर हरि और हर का मिलन हुआ । उज्जैन में बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर शनिवार रात को सृष्टि की सत्ता के हस्तांतरण का अद्भुत नजारा देखने को मिला।रात करीब 11 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकाली गई जो क़रीब 12 बजे गोपाल मंदिर पहुंचीं। यहां बाबा महाकाल सृष्टि का कार्यभार भगवान विष्णु को सौपा। हरि हर मिलन की यह परम्परा दोनों देवताओं की माला बदलकर निभाई गई।

कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी भगवान विष्णु (हरि) और शिव (हर) के मिलन का प्रतीक है। भगवान महाकाल और द्वारकाधीश का अद्भुत मिलन देखने के लिए देशभर से आए हजारों श्रद्धालु गोपाल मंदिर के बाहर रात 10 बजे से ही मौजूद थे। पुलिस प्रशासन ने गोपाल मंदिर के बाहर रोड पर शाम से बैरिकेडिंग कर दी थी। मंदिर में किसी भी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं दिया गया।

गोपाल मंदिर पहुंचने पर सवारी अंदर लाई गई। यहां भगवान शिव को विष्णु के सामने आसीन किया गया। महाकाल मंदिर पद्धति से द्वारिकाधीश का पूजन किया गया। शिव के प्रिय बिल्वपत्र और आक की माला भगवान विष्णु को अर्पित की गई।

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मान्यता है कि, देवउठनी एकादशी के पश्चात वैकुण्ठ चतुर्दशी पर श्री हर (श्री महाकालेश्वर भगवान जी) श्री हरि (श्री द्वारकाधीश जी) को सृष्टि का भार सौंपते हैं। देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के यहां विश्राम करने जाते हैं । उस समय पृथ्वी लोक की सत्ता भगवान देवाधिदेव महादेव के पास होती है और वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिव यह सत्ता पुनः श्री विष्णु को सौंप कर कैलाश पर्वत पर तपस्या के लिए लौट जाते हैं।

इस दिवस को वैकुंठ चतुर्दशी, हरि-हर भेट भी कहते है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर श्री संदीप कुमार सोनी ने बताया कि परम्परा अनुसार श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप से रात्रि 11 बजे श्री महाकालेश्वर भगवान की पालकी धूम-धाम से गुदरी चौराहा, पटनी बाजार होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचीं। जहां पूजन के दौरान राजाधिराज श्री महाकालेश्वर भगवान ने बिल्व पत्र की माला गोपाल जी को भेट की एवं वैकुण्ठनाथ अर्थात श्री हरि तुलसी की माला बाबा श्री महाकाल को भेट की। पूजन उपरांत श्री महाकालेश्वर जी की सवारी पुन: इसी मार्ग से श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आई।

सवारी के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन शर्मा, प्रशासक एवं अपर कलेक्टर श्री संदीप कुमार सोनी, सहायक प्रशासक, श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी/पुरोहित पर्याप्‍त संख्‍या में पुलिस बल, नगर सैनिक, विशेष सशस्‍त्र बल की टुकडियॉ तथा पुलिस बैंड आदि सम्मिलित थे।