Hathras Accident : हाथरस हादसे की न्यायिक जांच की घोषणा, बाबा गायब, एफआईआर में भी नाम नहीं!
Lucknow : हाथरस में मंगलवार दोपहर को हुए हादसे में भगदड़ में मरने वालों की संख्या 122 तक पहुंच गई। मुख्यमंत्री योगी ने घटना की न्यायिक जांच घोषणा की। अब ये बात सामने आई कि भगदड़ के बाद कथित बाबा नारायण साकार हरि वहां से भाग गया। बाबा को पता चला कि पीछे भगदड़ मच गई है, लेकिन वह रुका नहीं। बाबा 15 गाड़ियों के काफिले के साथ ढाई बजे मैनपुरी के बिछुआ आश्रम पहुंच गया। सारी गाड़ियां आश्रम के अंदर चली गईं। आश्रम के तीनों गेट बंद कर दिए गए। किसी को भी अंदर नहीं आने दिया गया। बाहर पुलिस लगा दी गई। आज सुबह बाबा पुलिस के संरक्षण में सफ़ेद गाड़ी में निकल गया।
शाम 6 बजे मीडिया को जानकारी मिली कि बाबा बिछुआ के आश्रम में है। इसके बाद आश्रम के बाहर मीडिया जमा हो गया। इस बात की सूचना प्रशासन को सूचना दी गई तो आश्रम के बाहर दो दर्जन से ज्यादा पुलिस वाले तैनात हो गए। रात करीब 11 बजे डीएसपी सुनील कुमार सिंह चौहान आश्रम के अंदर अकेले गए। 11 बजकर 55 मिनट पर आश्रम से बाहर निकले, तो मीडिया ने घेर लिया। मीडिया ने पूछा कि क्या बाबा अंदर हैं, तो उन्होंने कहा कि खोजने के बाद भी बाबा अंदर नहीं मिला। मीडिया ने पूछा कि आप अकेले अंदर क्यों गए? तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। बाबा के भक्तों ने भी बताया कि दोपहर ढाई बजे आश्रम में बाबा आया, तब से यहीं है।
भाजपा का झंडा लगी गाड़ी में निकला
बुधवार सुबह साढ़े 6 बजे डीएसपी सुनील कुमार फिर आश्रम आए। 6 बजकर 45 मिनट पर आश्रम से 6 गाड़ियां बाहर निकाली गईं, जिनमें सफेद रंग की एक गाड़ी भी थी जिस पर भाजपा का झंडा लगा था। नंबर के मुताबिक काले शीशे यह गाड़ी दिल्ली में किसी हसीन अहमद के नाम रजिस्टर है। तेज बारिश के चलते मीडिया वाले गाड़ी को रोक नहीं पाए। समझा गया कि इसमें बाबा बैठा था। चर्चा है कि बाबा को भगाने में प्रशासन का हाथ है। इतनी बड़ी घटना के बाद एफआईआर में भी बाबा का नाम नहीं है।
घटना की न्यायिक जांच की घोषणा
आज बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे सीएम योगी भी हाथरस पहुंचे, उन्होंने जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। घायलों और मृतकों के परिजनों से मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच कराई जाएगी। जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं उन्हें दंडित किया जाएगा। योगी ने कहा कि घटना की गहन जांच के लिए प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को न्यायिक जांच में शामिल किया जाएगा। जांच का मकसद यह तय करना भी है कि क्या यह एक साजिश थी।
हाथरस हादसे का मुख्य जिम्मेदार बाबा फरार है। पुलिस उसे तलाश रही है। लेकिन, एफआईआर में उसका नाम तक नहीं है। हाथरस भगदड़ पर यूपी पुलिस ने कहा कि नारायण साकार हरि जाटव उर्फ ‘भोले बाबा’ फरार है। इस बाबा के सत्संग में मंगलवार को हाथरस जिले में भगदड़ के दौरान 122 लोगों की मौत हो गई। मरने वाले लोगों में गरीब और दलित लोगों की तादाद ज्यादा है।
22 लोगों पर एफआईआर, पर बाबा का नाम नहीं
मंगलवार देर रात हादसे में 22 लोगों के खिलाफ सिकंदराराऊ थाने के दरोगा ने एफआईआर दर्ज कराई। इसमें मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर का नाम है, बाकी सब अज्ञात हैं। चौंकाने वाली बात है कि इसमें मुख्य आरोपी भोले बाबा उर्फ हरि नारायण साकार का नाम नहीं है। हादसे के बाद से बाबा अंडरग्राउंड हो गया है। पुलिस रातभर उसकी तलाश में छापेमारी करती रही। पुलिस मैनपुरी में बाबा के आश्रम भी पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला।
एफआईआर के मुताबिक, प्रशासन ने सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन ढाई लाख लोग पहुंच गए थे। भगदड़ हुई तो सेवादार गेट पर खड़े हो गए। उन्होंने लोगों को रोक दिया। इसके बाद भीड़ खेतों की तरफ मुड़ गई और नीचे बैठे और झुके श्रद्धालुओं को कुचलती हुई निकल गई। प्रशासन और सेवादार खड़े हुए देखते रहे।