Hathras Stampede : सत्संग में भगदड़ से 27 की मौत, इनमें 23 महिलाएं और 3 बच्चे!
सत्संग के समापन के बाद निकल रही भीड़ में भगदड़ मचने से यह हादसा हुआ!
Hathras (UP) : हाथरस में आयोजित भोलेबाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। इस हादसे में अभी तक 27 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। एटा के सीएमओ ने लोगों के मारे जाने की पुष्टि की। मरने वाले में कुल 23 महिलाएं है। एटा के सीएमओ डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी ने 27 डेड बॉडी की पुष्टि की। मरने वालों में 1 पुरुष, 23 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं। हाथरस जनपद क़े सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में चल रहे भोले बाबा क़े सत्संग में भगदड़ मच गई।
इस दौरान 27 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। कई घायल भी हुए। मृतकों के शव एटा मेडीकल कॉलेज पहुंचाए गए है। बताया गया कि सत्संग समापन के बाद मची भगदड़ में यह हादसा हुआ। भोले बाबा का सत्संग एटा-हाथरस बॉर्डर के रतीभानपुर में चल रहा था। कई घायलों को एटा मेडिकल कॉलेज लाया गया है।
घटना का कारण
हाथरस के सिकंदराराऊ कस्बे में सत्संग समाप्त होते ही बड़ी संख्या में लोग वहाँ से निकलने की कोशिश कर रहे थे। इस जल्दबाजी में भगदड़ मच गई। भीड़ का प्रबंधन ठीक से नहीं हो पाया, जिसके कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। लोग एक दूसरे को देख नहीं पा रहे थे और धक्का-मुक्की के कारण कई लोग गिर गए।
विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे इस अफरा-तफरी में गिरते चले गए, जिससे गंभीर चोटें आईं। भगदड़ के दौरान भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए। ऐसी स्थितियों में भीड़ का एक साथ निकलने का प्रयास और अधिक खतरनाक हो जाता है। प्रबंधन की कमी और आपातकालीन सेवाओं का समय पर न पहुंच पाना भी एक बड़ा कारण बनता है।
इस हादसे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया. मुख्यमंत्री ने हाथरस में हुए हादसे का संज्ञान लेते हुए मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं।
हादसे के लिए जांच समिति की घोषणा
घटना की गंभीरता को देखते हुए, प्रशासन ने एक उच्च-स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति का उद्देश्य भगदड़ के कारणों की गहनता से जांच करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय सुझाना है। समिति विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देगी, जैसे कि सुरक्षा मानकों का पालन, आपातकालीन सेवाओं की तत्परता और भीड़ नियंत्रण के उपाय।