Havoc of Poisonous Liquor : बिहार के 3 जिलों के 16 गांवों में जहरीली शराब का कहर, अब तक 53 की मौत!

ड्रोन कैमरे से चौकसी, पुलिस ने 140 जगहों पर छापेमारी की, 5 हजार लीटर से ज्यादा शराब नष्ट!

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Havoc of Poisonous Liquor : बिहार के 3 जिलों के 16 गांवों में जहरीली शराब का कहर, अब तक 53 की मौत!

Patna : बिहार में शराबबंदी लागू है, फिर भी यहां खुलेआम शराब बिकती है। यहाँ के तीन जिलों सीवान, सारण और गोपालगंज में जहरीली शराब का कहर जारी है। अब तक तीनों जिले मिलाकर 53 लोगों की मौत गई। इसमें सीवान में 39, सारण में 12 और गोपालगंज में दो लोगों की मौत हो चुकी है। 44 से अधिक लोग गंभीर हैं। गुरुवार को 30 लोग अस्पताल में ठीक हो गए, उन्हें घर भेज दिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने तस्करों पर कड़ी कार्रवाई का भी निर्देश दिया। इसके बाद बिहार पुलिस के अधिकारी सीवान और सारण में कैंप कर रहे हैं। इस मामले को लेकर विपक्ष ने नीतीश सरकार की घेरेबंदी की है।

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सीवान में एसआईटी ने अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह सभी लोग शराब तस्करी के आरोपी हैं। वहीं सीवान जिला प्रशासन की मानें तो अब तक जितने शवों को पोस्टमार्टम किया गया, उनका बिसरा प्रिजर्व कर लिया गया है। इसे साइंस लेबोरेट्री में जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट के अनुसार सीवान और सारण के 16 गांवों में जहरीली शराब का कहर जारी है। गुरुवार को इन दोनों जिलों में 24 और लोगों की मौत हुई। वहीं गोपालगंज में पिता-पुत्र समेत दो लोगों की मौत हुई है।

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शराबबंदी के सवाल पर भड़के मंत्री
बिहार सरकार के मद्य निषेध व उत्पाद मंत्री रत्नेश सदा शराबबंदी के सवाल पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि बुड़बक जैसा बात मत कीजिए। शराब माफिया पर सीसीए लगेगा। सीएम नीतीश कुमार से इस बारे में बात करुंगा। दरअसल, पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा कि बिहार में सरेआम शराब बिक रही है? लोग मर रहे हैं। इस पर उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि हत्यारे के लिए मौत की सजा का प्रावधान है। सजा मिलती भी है लेकिन फिर भी हत्याएं तो होती हैं न। सारण-सीवान शराबकांड में थानेदार से लेकर चौकीदार तक पर कार्रवाई की गई है। शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है।

हर चौराहों पर शराब मिल रही, तेजस्वी का आरोप
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सत्ता संरक्षण में ज़हरीली शराब के कारण करीब 50 लोगों की हत्या कर दी गयी है। दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गयी। बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है। जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते है लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है।

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140 ठिकानों पर छापेमारी की गई
एसपी अवधेश दीक्षित के निर्देश पर दियारे इलाके में ड्रोन कैमरे की मदद से शराब की भट्ठियों की पहचान कर उन्हें ध्वस्त किया जा रहा है। पुलिस ने अर्धनिर्मित शराब को नष्ट करने के साथ-साथ शराब बनाने वाले उपकरणों, गैस चूल्हों, ड्रम और गैलनों को भी मौके पर नष्ट कर दिया। पुलिस ने अब तक 140 से अधिक जगहों पर छापेमारी की है। इस दौरान 5,000 लीटर से ज्यादा देशी शराब को नष्ट किया गया है। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।

नहीं रुक रहे जहरीली शराब के मामले
जहरीली शराब से मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी बैकुंठपुर में पांच और नगर थाना क्षेत्र के खजुरबानी में 16 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद लोग जहरीली शराब का सेवन करने से बाज नहीं आ रहे हैं। सिवान और सारण के बाद अब गोपालगंज में भी जहरीली शराब से पिता-पुत्र की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। इस घटना के बाद पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड में है।

पुलिस की सख्त कार्रवाई
डीजीपी आलोक राज ने बताया कि पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है और शराब माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। निर्माण, भंडारण और सप्लाई करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। वहीं, एसपी अवधेश दीक्षित ने कहा कि पुलिस ने अब तक लगभग 140 जगहों पर छापेमारी की है और 5 हजार लीटर से ज्यादा शराब को नष्ट किया है। शराब की बड़ी मात्रा में बरामदगी भी की गई है।
एसडीपीओ अभय कुमार रंजन ने बताया कि सीमावर्ती जिलों में हुई घटनाओं के बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर चौकसी बढ़ा दी गई है। शराब के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है और इस दौरान भारी मात्रा में शराब पकड़ी गई है।

सरकार पर साधा निशाना
जन सुराज पार्टी चीफ प्रशांत किशोर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि, ‘बिहार में शराबबंदी कहीं लागू हुई नहीं है। शराबबंदी केवल नेताओं के भाषण में है, लेकिन घर-घर में शराब बिक रही है। बिहार का कोई ऐसा जिला नहीं है जहां जहरीली शराब से लोगों की मौत न हुई हो। बहुत सी घटनाओं की रिपोर्ट भी नहीं हुई है सरकार को यह समझना होगा कि शराबबंदी सिर्फ दुकानों पर ही बंद है। बाकी बिहार के हर घर में शराब बिक रही है। 10 की शराब 100 में नौकरी बाकी इसका फायदा यहां के अधिकारियों को हो रहा है। इसका फायदा यहां के भ्रष्ट नेताओं को रहा है।