HC’s Decision on Physical Relationship : संबंध बनाकर शादी नहीं करने पर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला!
Gwalior : अगर लड़का और लड़की दोनों बालिग हैं और दोनों के बीच शादी का वादा हुआ है। वे आपस में शारीरिक संबंध बनाते हैं, पर बाद में लड़का शादी से इंकार कर देता है तो उसके विरूद्ध दुष्कर्म का आरोप नहीं लगाया जा सकता। यह फैसला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की न्यायमूर्ति सुनीता यादव ने दिया। उन्होंने दुष्कर्म के एक मामले में सुनवाई के बाद युवक पर दर्ज एफआइआर निरस्त करने के आदेश दिए।
हाईकोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट कर दिया कि ऐसी स्थिति में दुष्कर्म का आरोप सही नहीं है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने न्यायालय के सामने तर्क दिया कि शादी का झूठा आश्वासन देकर शारीरिक संबंध बनाने और शारीरिक संबंध होने के बाद शादी का वादा तोड़ देना दोनों में फर्क होता है। जिस आरोप के साथ इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाई गई है, वह आरोप दुष्कर्म की परिधि में नहीं आते हैं।
भदौरिया ने अपने तर्कों के समर्थन में हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट के कई न्याय दृष्टांत प्रस्तुत किए गए, हाईकोर्ट ने उक्त तर्कों से सहमत होते हुए एफआइईआर निरस्त कर दी। शिवपुरी के रहने वाले युवक के खिलाफ पुलिस थाना खनियाधाना में युवती ने 29 मार्च 2023 को दर्ज शिकायत दर्ज करवाई थी कि 2020 में उसकी सगाई हुई थी।
सगाई होने के साथ ही वह युवक को पति मानने लगी। बाद में दोनों के बीच 3 साल तक शारीरिक संबंध रहे। फरवरी 2023 में जब शादी करने के लिए कहा तो युवक ने शादी से इंकार कर दिया। इस शिकायत पर युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन, हाईकोर्ट दुष्कर्म के आरोप से सहमत नहीं हुआ।