

संसार की भौतिक वस्तुओं का सर्वस्व त्याग कर केवल भगवान की भक्ति में रम जाए वहीं संत हैं: उत्तम स्वामी!
Ratlam : शहर के त्रिवेणी तट पर स्थल पर श्री बद्रीनारायण सेवा ट्रस्ट रतलाम द्वारा पंडित श्री रामचन्द्र जी डोंगरे महाराज की प्रतिमा अनावरण के अवसर पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस में धर्म सभा में सुमधुर भजनों के साथ रविवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया।
चतुर्थ दिवस की कथा में पूज्य गुरूदेव श्री उत्तम स्वामी जी ने कथा में श्री कृष्ण जन्मोत्सव का वर्णन करते हुए जैसे ही श्री कृष्ण जन्म हुआ पूरा पांडाल श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवाय के भजनों से गूंज उठा । उपस्थिति श्रद्धालुजन श्री कृष्ण जन्म होते हुए कृष्ण भजनों पर भावविभोर होकर भक्ति भाव से झूम कर नृत्य करने लगे। चारों और श्री कृष्ण के जयकारों के नारों से पांडाल गुजायमान हो गया। चारों और से पुष्प वर्षा होने लगी। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव इतने हर्षोल्लास से मनाया गया कि पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
रविवार को चतुर्थ दिवस कथा के प्रारम्भ में मुख्य यजमान श्रीमती हीरादेवी ओमप्रकाश सोनी, जयेश हर्षा सोनी, चारू कमलेश, लक्की राहुल सोनी परिवार द्वारा पोथी पूजन एवं गुरूपूजन किया गया। आज कथा में एमएसएमई मंत्री चेतन्य काश्यप, महापौर प्रहलाद पटेल, बीज निगम अध्यक्ष राजेश अग्रवाल द्वारा गुरूदेव का सम्मान कर आशीर्वाद लिया। साथ ही विभिन्न संस्थाओं जिनमें श्री सिखवाल समाज, श्री अग्रवाल समाज, श्री गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज, श्री माहेश्वरी समाज, श्री सेवा मंडल समिति, श्री कसेरा सुधा साथ तांगल समाज, श्री द्वारकाधीश भक्ति मंडल, सर्राफा एसोसिएशन, श्री राठौड़ समाज, श्री जाट समाज, श्री हनुमान भक्त मंडल चांदनी चौक, श्री महाराणा प्रताप जन्म महोत्सव समिति, श्री जायसवाल समाज, श्री कालिका माता सेवा समिति, श्री त्रिवेदी मेवाड़ा समाज आदि संस्थाओं द्वारा पुज्य गुरूदेव का सम्मान एवं पोथी पूजन किया गया।
कथा में पूज्य गुरूदेव उत्तम स्वामी ने पंडित रामचन्द्र जी डोंगरे महाराज का स्मरण करते हुए आज ऋषभदेव जी कथा, कश्यप अवतार, वामन अवतार, राजा बली की कथा, गजेन्द्र महाराज की कथा का विस्तार से वर्णन किया। आपने कहा कि समाज के प्रभाव, प्रलोभन, प्रेम, लोभ आदि का प्रभाव जिस पर नहीं पड़ता वह संत होता हैं। संसार की सभी भौतिक वस्तुओं, बातों का सर्वश त्याग कर केवल भगवान की भक्ति में रमे वहीं संत है। आपने कहा कि आज आप लोग का 43 डिग्री तापमान में इस पांडाल में बैठकर कथा सुनना यह श्री डोंगरे महाराज का प्रताप हैं। भगवान की माला जपोगे तो आपका जीवन भी मालामाल हो जाएगा। ज्ञान बताना बहुत आसान है लेकिन भागवत कथा का कथा के रूप में बताना बहुत कठिन होता है।
एमएसएमई मंत्री चेतन्य काश्यप ने संबोधित करते हुए कहा कि कथा के माध्यम से स्वामीजी द्वारा भक्ति की राह पर चलने का मार्ग दिखाया है उससे समाज की नई पीढ़ी को, सनातन भक्तों को एक नई प्रेरणा प्राप्त होगी। कथा समाप्ति से पूर्व पहलगाम में हुए शहीदों की आत्म शांति के लिए उपस्थितजनों द्वारा दोनों हाथ उठाकर भगवान से प्रार्थना की गई। कार्यक्रम में श्री बद्रीनारायण सेवा ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र शर्मा, अनिल झालानी, नवनीत सोनी, सत्यनारायण पालीवाल, झमक भरगट, बृजेन्द्र नंदन मेहता के साथ गुरू भक्त मंडल सदस्यों सहित बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित थे। अंत में आरती कर प्रसादी वितरण की गई।