सुनी सुनाई: चार सीटों पर कांग्रेस की जबरदस्त तैयारी

811

सुनी सुनाई: चार सीटों पर कांग्रेस की जबरदस्त तैयारी

मप्र के चार मंत्रियों की विधानसभा सीटों पर कांग्रेस जबरदस्त तैयारी कर रही है। दतिया, सुरखी, खुरई और बदनावर में कांग्रेस पूरी ताकत लगाने के मूड में है। मजेदार बात यह है कि इनमें खुरई छोड़कर तीनों सीटों पर कांग्रेस भाजपा के पुराने नेताओं को अपना उम्मीदवार बना सकती है। दतिया में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के सामने संघ के पुराने स्वयंसेवक अवधेश नायक कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।

WhatsApp Image 2023 02 23 at 8.00.39 PM

खुरई में नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ पूर्व सांसद आनन्द अहिरवार को उतारा जा सकता है। अहिरवार सागर जिला कांग्रेस अध्यक्ष हैं। खुरई में अहिरवार समाज के 50 हजार वोट बताये जाते हैं। सुरखी में परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के सामने भाजपा से राजेन्द्र सिंह मोकलपुर को कांग्रेस में लाने के प्रयास शुरु हो गये हैं। बदनावर में उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह से मुलाबले के लिए कांग्रेस ने भाजपा के पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत पर डोरे डालना शुरु कर दिया है। वैसे भी शेखावत आजकल अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। वे नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह के खास मित्र भी हैं।

*हेट स्पीच में फंस सकते हैं बागेश्वर महाराज!*

देश भर में तेजी से लोकप्रिय हो रहे कथा वाचक बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री हेट स्पीच में फंस सकते हैं। जल्दी ही पुलिस को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करना पड़ सकती है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच को लेकर सभी राज्यों को सख्त आदेश दिया है।कि धार्मिक भावनायें भड़काने वालों के खिलाफ शिकायत आने से पहले ही राज्य सरकार स्वयं एफआईआर दर्ज करे।

IMG 20230502 WA0030

बागेश्वर महाराज ने जिस तरह हैहय क्षत्रिय समाज के भगवान सहस्त्रार्जुन के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया है वह हेट स्पीच की श्रेणी में आता है। बागेश्वर महाराज ने भगवान सहस्त्रार्जुन को कुकर्मी, बलात्कारी और राक्षस तक बता दिया है। उनके इस वीडियो से देश भर के लगभग 15 करोड़ हैहय क्षत्रिय वंशी नाराज हैं। बीते चार दिन से उनके खिलाफ एफआईआर कराने की मांग जोर पकड़ रही है। खास बात यह है की सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि हेट स्पीच पर एफआईआर न करना कोर्ट की अवमानना माना जाएगा। यानि बागेश्वर महाराज की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

*राजभवन में बना वार रूम!*

अभी तक तो राजनीतिक दलों के अपने वार रूम होते हैं, लेकिन इस बार राजभवन को वार रूम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी जमावट दो साल पहले ही हो चुकी थी। राज्यपाल ने मप्र के आदिवासियों के हितों के नाम पर कल्याण शाखा का गठन किया था। जिसमें रिटायर्ड आईएएस के अलावा अन्य आईएएस अधिकारी को पदस्थ किया गया। इन अफसरों ने आदिवासियों का कितना हित किया है, यह तो राजभवन ही जाने, लेकिन इतना जरूर है कि राजभवन में पदस्थ एक आईएएस आदिवासी अधिकारी-कर्मचारी संगठन (आकास) के मुखिया हैं। इस संगठन से प्रदेश भर में कई आदिवासी कर्मचारी अधिकारी जुड़े हैं। जिन्हें बाकायदा राजभवन से कमांड किया जा रहा है। मजेदार बात यह है कि दो महीने पहले भोपाल में डिलिस्टिंग की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले समूह के कुछ लोगों को राजभवन के वार रूम का हिस्सा बनाया गया है। वार रूम किसी दल के लिए काम कर रहा है या समाज के लिए यह तो राज्यपाल ही बता सकते हैं।

*बाल आयोग की टीम की मसूरी में तफरी!*

मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम हिल स्टेशन मसूरी में “तफरी” करके लौट आई है। पिछले दिनों आयोग की टीम मसूरी में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित कार्यशाला में हिस्सा लेने गई थी। मजेदार बात यह है कि टीम के कुछ सदस्यों ने सोशल मीडिया पर मसूरी की खूबसूरत वादियों के परिवार के साथ फोटो अपलोड किए हैं। यही बात विभाग को खटक गई है। अब विभाग की टीम इस तफ्तीश में जुट गई है कि आखिर बाल आयोग के सदस्यों ने परिवार का मसूरी भ्रमण का खर्च खुद उठाया या फिर आयोग को उठाना पड़ा। विभाग में बाल आयोग की टीम का मसूरी दौरा चर्चा का विषय बना हुआ है।

*बिकाऊलाल की तबादले की दूकान!*

मप्र भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के मेडीकल प्रकोष्ठ के संयोजक रवि परमार से भोपाल पुलिस खासी परेशान हैं। रवि परमार स्वास्थ्य विभाग में घपलों और नर्सिंग घोटाले को लेकर राजधानी में तीखे आन्दोलन कर चुके हैं। रवि परमार न तो जेल जाने से डरते हैं और न ही पुलिस के डंडों से घबराते हैं। इस सप्ताह उन्होंने मप्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले पर पहुंच कर उनकी नेमप्लेट पर मंत्री को “बिकाऊ लाल चौधरी” और उनके घर को “तबादले की दूकान” लिखकर पोस्टर चस्पा कर दिया। मंत्री या उनके परिजनों की हिम्मत नहीं हुई कि पुलिस में शिकायत करा सकें। बंगले पर तैनात होमगार्ड के एक जवान से टीटी नगर थाने में एफआईआर कराई गई। लेकिन अपराध सात वर्ष से कम होने के कारण पुलिस को रवि परमार को गिरफ्तार कर थाने से ही जमानत पर छोड़ना पड़ा। पुलिस को चिन्ता है कि जिस तरह रवि परमार की मंत्रियों के खिलाफ तीखे आन्दोलन की हिम्मत बढ़ती जा रही है, आने वाले समय में वह कुछ बड़ी अनहोनी न कर दे।

*भाजपा में जा सकते हैं एक और कांग्रेस विधायक!*

बुंदेलखंड के एक प्रभावी कांग्रेस विधायक भाजपा के पाले में जाते दिख रहे हैं। दरअसल पिछले दिनों मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इस विधायक को बुलाकर कहा था कि क्षेत्र में उनकी स्थिति कमजोर है। इसलिए क्षेत्र पर फोकस करो। यह बात विधायक ने अपने कथावाचक गुरु को बताई। कथावाचक की भाजपा में तगड़ी पैठ हो गई है। चर्चा है कि कथावाचक ने कांग्रेस विधायक को भाजपा से टिकट दिलाने की चर्चा शुरु कर दी है। उम्मीद है कि भाजपा नेतृत्व कथावाचक की बात को नहीं टाल सकता। यदि सब कुछ ठीक रहा तो कांग्रेस का एक और विधायक भाजपा के पाले में आ सकता है। विधायक जी इन कथावाचक के साथ देश विदेश में साथ देखे जाते हैं।

*और अंत में…!*
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मसानी इस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के सबसे भरोसेमंद नेता हैं। लेकिन कांग्रेस के ही विधायक देवेन्द्र पटेल उनसे परेशान हैं। देवेन्द्र पटेल रायसेन की उदयपुरा सीट से विधायक हैं। बताया जाता है कि इस विधानसभा क्षेत्र में किरार वोटों की संख्या काफी है। खबर आ रही है कि संजय मसानी ने उदयपुरा क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है। संजय सिंह को कांग्रेस ने पिछली बार बालाघाट की वारासिवनी सीट से टिकट दिया था। वहां उनकी शर्मनाक हार हुई थी। अब सवाल यह है कि क्या कमलनाथ अपने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर संजय मसानी को उदयपुरा से उम्मीदवार बनायेंगे। जिनका उदयपुरा में जाति के अलावा कोई आधार नहीं है।