मनी लाउंड्रिंग मामले में आरोपी निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के डिस्चार्ज पिटीशन पर आज सुनवाई हुई. इसके लिए पूजा सिंघल ईडी कोर्ट में सशरीर पेश हुई. बता दें, ईडी कोर्ट के विशेष न्यायधीश पी शर्मा ने अपनी अदालत में आज खूंटी जिले से जुड़े मनरेगा घोटाला मामले में पूजा सिंघल और ईडी के पक्ष को सुना.
निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की तरफ से अधिवक्ता विश्वजीत मुखर्जी और विक्रांत सिन्हा ने पक्ष रखा. वहीं ईडी की तरफ से अधिवक्ता आतिश कुमार ने पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान सिंघल की तरफ से दाखिल डिस्चार्ज पिटीशन पर दोनों पक्ष में बहस हुई. वहीं, मामले में बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
फिलहाल प्रोविजनल बेल पर है पूजा सिंघल
पूजा संघल फिलहाल प्रोविजनल बेल पर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कई शर्तों के साथ 2 महीने की अंतरिम जमानत दी है. इससे पहले कोर्ट ने पूजा सिंघल को 1 महीने की अंतरिम जमानत दी थी.
जब 1 महीने की जमानत मिली थी तो पूजा सिंघल ने अपनी बीमार बेटी की देखभाल करने का हवाला देकर जमानत की मांग की थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने पूजा सिंघल को 3 जनवरी को 1 महीने की अंतरिम जमानत दी थी. इसके अलावे कोर्ट ने यह शर्त रखी थी कि पूजा सिंघल जमानत अवधि के दौरान झारखंड में नहीं रहेंगी.
मनी लाउंड्रिंग मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल, उनके सीए सुमन कुमार और खूंटी के तत्कालीन सहायक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ पूर्व में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है.
इनके खिलाफ अब आरोप गठन होना है. वहीं, पूर्व जेई राम विनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ कोर्ट पहले ही आरोप गठित कर चुकी है.मनरेगा घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने 6 मई 2022 को पूजा सिंघल के 18 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी.
इस दौरान ईडी ने सिंघल के सीए सुमन कुमार के आवास से 19.31 करोड़ रुपये नकदी बरामद की थी. इसके बाद ईडी ने पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा और सीए सुमन कुमार को रिमांड पर लिया था. वहीं पूजा सिंघल को ईडी ने 11 मई 2022 को गिरफ्तार कर लिया था.