Heat Stroke : प्रशासन ने लू की आशंका देखते हुए बचाव के लिए एडवाइजरी जारी!

शासकीय चिकित्सालय में लू प्रबंधन व्यवस्था सुनिश्चित हो!

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Heat Stroke : प्रशासन ने लू की आशंका देखते हुए बचाव के लिए एडवाइजरी जारी!

Indore : मई महिने में औसत से अधिक तापमान होने की दशा और लू की आशंका को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गई है। इस संबंध में अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर ने एक परिपत्र जारी कर सभी संबंधित शासकीय विभागों को निर्देशित किया है कि वे राज्य शासन द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें।
एडवाइजरी में बताया गया कि लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतया नमक की कमी हो जाना होता है। इससे बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए। जिनमें बहुत अनिवार्य न हो, तो घर से बाहर न जाएं। धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह बांध लें, पानी अधिक मात्रा में पिएं, अधिक समय तक धूप में न रहे, गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए, ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहें।
अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस घोल पिएं। चक्कर आने मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेयजल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मट्ठा आदि का सेवन करें। उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में डाक्टर को जरुर दिखाएं और चिकित्सक की जरूरी सलाह का पालन करें।
बच्चे बुजुर्ग एवं बीमार व्यक्ति घर से बाहर कम निकले, विशेषत दोपहर में 12 से 4 बजे के बीच घर से बाहर ना जाऐं। लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाये, अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलावे जैसे कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि, पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटा देवे, शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहे, पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए ले आये, आशा, एएनएम से ओआरएस की पैकेट के लिए संपर्क करें।

चिकित्सालयों में भी इंतजाम हों
चिकित्सालयों में लू के प्रबंधन एवं बचाव जिले में लू के प्रबंधन एवं बचाव के लिए जिले के सभी शासकीय चिकित्सालय में लू के प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रत्येक अस्पतालों में कम से कम दो बिस्तर इन मरीजों के लिए आरक्षित हों। वार्ड में शीतलता के लिए कूलर अथवा अन्य उपाय किया जाएं। बाह्य रोगी कक्ष में बैठने की उचित प्रबंध के साथ जल की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक मरीज को लू से बचाव की जानकारी अनिवार्य रूप से दी जाये कि पर्याप्त मात्रा में पानी अवश्य पिएं।