Heavy Rain Review : CM ने कहा कि बांधों से पानी रेग्युलेट करके निकालें,

जिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी निकट है, उन्हें अस्पतालों में शिफ्ट करें

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साइंटिफिक डिज़ास्टर मैनेजमेंट में MP देश में उदाहरण बनना चाहिए

Bhopal : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में अतिवृष्टि की ताजा स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश के सभी कलेक्टर्स से चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए। इस बैठक में एसीएस राजेश राजौरा में प्रदेश में वर्तमान और आगामी दिनों में वर्षा की स्थिति और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित सुरक्षा बलों की स्थिति से अवगत कराया। बैठक में एसीएस एसएन मिश्रा ने प्रदेश के बांधो में वर्तमान जलस्तर एवं वहां से छोड़े जा रहे पानी की जानकारी से अवगत कराया। जानकारी दी गई कि नर्मदा पुरम और भोपाल संभाग में अब भारी बरसात की आशंका नहीं है। बंगाल की खाड़ी में बन रहे नए कम दबाव के क्षेत्र के कारण पूर्वी और मध्य क्षेत्र में 19 से 23 अगस्त को बारिश का एक दौर और आएगा। जहाँ भारी बारिश हो सकती है, वहाँ हम सचेत रहें।

बैठक में कहा गया कि हम पानी को बांधों से रेग्युलेट करके निकालें, जिससे बाढ़ की स्थिति न बने और बांधों को नुकसान न हो। हम प्रदेश के 52 छोटे-बड़े बांधों की मॉनिटरिंग करते हैं। अभी 52 में से 27 बांधों के गेट खुले हैं। नर्मदा और बेतवा बेसिन में काफी पानी आ गया। बरगी डेम के 21 गेट खुले, जबकि तवा डेम के 13 में से 5 गेट अभी खुले हैं। ओंकारेश्वर और इंदिरा सागर बांध के गेट खुले हैं। कलियासोत, केरवा, हथाईखेड़ा से भी बेतवा में पानी जा रहा है। मंडीदीप में कलियासोत नदी से पानी आया, लेकिन अब पानी कलियासोत व केरवा में पानी घट रहा है। बीना नदी में भी पानी ऊपर आ गया था, लेकिन अब नीचे जा रहा है। भोपाल क्षेत्र में अभी बारिश बंद है। चंबल में डाउनस्ट्रीम में कोई अप्रिय स्थिति नहीं बनेगी, इसकी हमारी तैयारी है।

बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देश
सावधानी के तौर पर जहाँ जरूरत हो, वहाँ से लोगों को निकालें। प्रभावित क्षेत्रों में जिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी अगले 2-4 दिनों में ड्यू है, उन्हें अस्पतालों में शिफ्ट करने का काम सभी जिला प्रशासन प्रमुखता से करें। जनप्रतिनिधियों को भरोसे में लें, क्योंकि इनका रोल काफी महत्वपूर्ण है। रायसेन कलेक्टर ध्यान रखें कि बारना के ऊपर बरगी का पानी जाने से इफेक्ट पड़ेगा, उसके लिए अभी से व्यवस्था कर लें। एक SDRF की टीम राजगढ़ भेजें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सारी स्थिति हमारे सामने है। भोपाल के प्रमुख डैम से डिस्चार्ज कम हो रहा है जिससे विदिशा में अब आगे समस्या होने की संभावनाएं कम है। CM ने कहा कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों की टीमों को बधाई देता हूँ जिन्होंने अच्छे से लोगों का रेस्क्यू किया। आपदा प्रबंधन वैज्ञानिक तरीके से करने में टीम मध्यप्रदेश काफी प्रवीण हो गई है। मैं सभी को बधाई देता हूँ जो सवेरे से प्रबंधन में लगे हैं। कलेक्टर, SDRF, NDRF सहित पूरी टीम लगी हुई है। हमने बुद्धिमत्ता के साथ पानी डिस्चार्ज करने का प्रबंधन किया है।

देश में MP उदाहरण बनना चाहिए
उन्होंने कहा कि साइंटिफिक डिज़ास्टर मैनेजमेंट में मध्यप्रदेश देश में उदाहरण बनना चाहिए। हमने 80% ही पानी के भंडारण का निर्णय किया। 20% की गुंजाइश छोड़ी है। बारना, तवा, कोलार का पानी हम व्यवस्थित रूप से छोड़ें। सभी जिले आगे की तैयारी करके रखें। हमारे पास कैल्क्युलेशन पहले ही रहे कि कितनी मात्रा में पानी का डिस्चार्ज होगा। मौसम के पूर्वानुमान हमेशा एक्यूरेट नहीं होते, इसलिए तैयारी रखें। CM ने कहा कि जो हम डिस्कस कर रहे हैं, वो जनता तक भी जाना चाहिए जिससे जनता को जानकारी रहे और वे भी सतर्क रहें। हमारे सभी विभाग आपस में कोऑर्डिनेशन रखें, जिससे मिलकर हम किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार रहें।

छोटे-बड़े डैम को चैक लें
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी छोटे-बड़े डैम को चैक करा लें। हम बांधों की मॉनिटरिंग रोज करें। हर बांध की जानकारी हमें रहे। कोई दिक्कत हो तो उसे तत्काल ठीक करें। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तकनीकी जानकारी रखने वाले अधिकारी भी साथ रहें। 19 से 23 अगस्त तक भी हमारी सभी टीमें तैयार रखें। ये न हो कि जरूरत पड़ने पर बोट न मिले या बोट हो तो उसका इंजन ही चालू न हो। हमारी माइक्रो और डीटेल्ड प्लानिंग होना चाहिए। अगर संकट नहीं है तो आंख बंद करके सो रहे हैं, ऐसा नहीं चलेगा।
बैठक में CM ने कहा कि मुझे टीम मध्यप्रदेश पर गर्व है। नर्मदा घाटी में जो स्थिति बनी है, उसे हमने बढ़िया तरीके से मैनेज किया। प्रशासनिक टीम और जनप्रतिनिधियों के बीच आदर्श रूप से कोऑर्डिनेशन हो। जिससे सभी नागरिकों को हम भरोसे में ले सकें। जनभागीदारी का भी आदर्श उदाहरण मध्यप्रदेश बनना चाहिए।

कलेक्टर्स से मिली जानकारी
● विदिशा : बेतवा की सहायक नदियों का पानी कम नहीं हुआ है जिससे 19 गाँव प्रभावित हैं। 300 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया है। 3-4 घंटे में पानी कम होगा। शहर में नौलखी और रंगई में रोड पर बेतवा का पानी आ गया था। हमने 450 लोगों का रेस्क्यू किया है जो बेतवा के किनारे पर थे। 7 में से 1 को छोड़कर सभी डैम भर गए हैं। हमारी सभी जगह टीमें तैनात हैं।
● सीहोर : नर्मदा नदी का लेवल अभी नीचे है। नर्मदा के किनारे के गाँवों में समझाइश दे रहे हैं। अभी स्थिति नियंत्रण में है।
● बालाघाट : अभी पानी कम हुआ है। हमारे पास NDRF की टीम है। हमने लोगों का रेस्क्यू कर सामुदायिक भवन में रोका है। खोटी गाँव में भी लोगों को शिफ्ट किया है। 6 गाँव संपर्क से टूटे हैं लेकिन स्थिति सामान्य है।
● रायसेन : बारना से डिस्चार्ज बहुत कम हो गया है। बरगी के डिस्चार्ज से यदि बैकवॉटर भरता है तो हमारी पूरी तैयारी है। हमने निचले इलाकों से तीन गर्भवती महिलाओं को अस्पताल शिफ्ट किया है। हमारे पास सारे आवश्यक उपकरण हैं।
● भोपाल : कलियासोत और भदभदा के हमने गेट कम कर लिए हैं। कलियासोत में 6 गेट और भदभदा में 4 गेट खुले हैं। पानी का बहाव अब कम होगा।
● राजगढ़ : ब्यावरा में हमने 35 परिवारों को निकाला था और आज 60 परिवारों को निकाला है। नरसिंहगढ़ में भारी बारिश हुई। हम मोहनपुरा में पानी के बहाव को रेग्युलेट कर रहे हैं।
● नरसिंहपुर : स्थितियाँ सामान्य हैं, बाढ़ की स्थिति कहीं नहीं है। हम नजर रखे हुए हैं। नर्मदा नदी का पानी खतरे के लेवल से 4 मीटर नीचे है।
● जबलपुर : नर्मदा नदी में फ्लड के कारण कोई अप्रिय स्थिति नहीं है।