Heavy Rains in MP and Rajasthan: चम्बल के सबसे बड़े 4 बांधों के गेट खोल दिए

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Heavy Rains in MP and Rajasthan: चम्बल के सबसे बड़े 4 बांधों के गेट खोल दिए

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट 

नई दिल्ली/जयपुर: मध्यप्रदेश में हुई भारी बारिश से चम्बल नदी के सबसे बड़े बांध कोटा के गांधीसागर बांध के गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। उसके चलते चित्तौडग़ढ़ जिले के रावतभाटा स्थित राणा प्रताप सागर बांध एवं कोटा के जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज के गेट भी खोलकर पानी की निकासी शुरू कर दी है।

मध्यप्रदेश की विभिन्न क्षेत्रों में झमाझम बारिश के कारण चम्बल के सबसे बड़े चारों बांधों के गेट खोल दिए गए। गांधीसागर बांध से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण रावतभाटा के राणा प्रताप सागर बाँध के रविवार को दो गेट खोल दिए गए। यहां से 78 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।

बांध के गेट खोलने से पहले चंबल माता की पूजा-अर्चना की गई। पहले सायरन बजाकर आसपास के लोगों को सूचित किया गया। राणा प्रताप सागर बांध पर पिछले साल स्काडा सिस्टम शुरू कर दिया था। दोनों गेट स्काडा सिस्टम से कम्प्यूटर का बटन दबाकर खोले गए। पहला गेट सवा 10 बजे व दूसरा गेट 11 बजकर 54 मिनट पर खोला गया।

इस सीजन में गांधी सागर के दूसरी बार व राणाप्रताप सागर के पहली बार गेट खुले हैं।

  जलसंसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता नीरज अग्रवाल ने बताया कि गांधीसागर बांध के तीन स्लूज (छोटे) गेट शनिवार दोपहर को खोल देने से लगातार 62 हजार 296 क्यूसेक पानी की आवक के बाद रविवार सुबह राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर पूर्ण भराव क्षमता 1157.50 फीट के मुकाबले 1157.40 फीट पहुंचने पर गेट खोलने का निर्णय हुआ। पहला गेट 9 नंबर खोला गया और 35 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। दूसरा गेट 10 नंबर खोला गया। जिससे 33 हजार क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई। बांध का जलस्तर 1157.40 फीट स्थिर रखा जाएगा।

मध्यप्रदेश में भारी बारिश के चलते शनिवार को भी कोटा बैराज के तीन गेट खोलकर पानी की निकासी की गई थी। दरअसल, मध्यप्रदेश में इन दिनों भारी वर्षा का दौर जारी रहने से बीते एक दिन में पूर्वी मध्य प्रदेश के सागर में 3, सतना में 2 सेंटीमीटर और पश्चिम एमपी के भोपाल-5 में एवं गुना और इंदौर 2-2 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। जिसके कारण चंबल नदी में पानी की तेज आवक हुई है। इस वजह से शनिवार को कोटा बैराज के तीन गेट खोलकर 7552 क्यूसेक पानी की निकासी की गई । ज्यादा पानी की आवक होने पर गेट और भी गेट्स खोले जा सकते है। वर्तमान में जवाहर सागर बांध से पानी की आवक जारी है।कोटा बैराज की बात करें तो इस सीजन में पानी निकासी के लिए सबसे अधिक 6 गेट खोले गए। अगस्त- सितंबर माह में बैराज के 6 गेट 7-7 फीट खोलकर करीब 50 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई थी। शुक्रवार (27 सितंबर) को कोटा के सांगोद क्षेत्र में करीब डेढ़ घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई। सड़कों व गलियों में भी कई फीट पानी बह निकला। दोपहर डेढ़ बजे तक बारिश का दौर चलता रहा। ठंडी हवाओं से लोगों को गर्मी व उमस से राहत तो मिली, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया। खेतों में कटी पड़ी फसलें पानी में भीग गई। वहीं सूखकर कटाई के लिए तैयार फसलें भी बारिश के पानी में भीग गई। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे उभर आई। बारिश से खेतों में सोयाबीन, उड़द आदि की फसलों में खासा नुकसान पहुंचा। किसानों ने बताया कि इस साल उम्मीद थी लेकिन बीते दो दिनों से बिगड़े मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इन दिनों बारिश से फसलों को खासा नुकसान हुआ हैं।