Indore : बैकलॉग के सरकारी पदों पर भर्ती और अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के पिछले दिनों हुए कार्यक्रम में नारेबाजी करने पर करीब 50 आदिवासी छात्रों से पुलिस ने शासकीय संस्कृत महाविद्यालय में पुलिस ने लंबी पूछताछ की।
कांग्रेस की युवा इकाई ने पुलिस के इस कदम पर गहरी आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि शिक्षा के मंदिर में विद्यार्थियों को पूछताछ के नाम पर करीब 6 घंटे नजरबंद (About 6 Hours Under house Arrest in the name of Interrogation) करके रखा गया।
पुलिस की लंबी पूछताछ से गुजरे एक छात्र ने कहा कि पूछताछ के दौरान उसका मोबाइल जब्त कर लिया (Mobile Confiscated) गया था।
जबकि, संस्कृत महाविद्यालय में आदिवासी छात्रों से पूछताछ करने वाले पुलिस उप निरीक्षक जयंत दत्त शर्मा ने कहा कि हमने न तो विद्यार्थियों को नजरबंद किया, न उनके मोबाइल जब्त किए।
उप निरीक्षक ने यह भी कहा कि शहर के एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान हुड़दंग किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री भी मौजूद थे।
इसके वीडियो फुटेज भी सामने आए। हमने हुड़दंगियों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए छात्रों से सिर्फ पूछताछ की है।
शासकीय संस्कृत महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य अरुणा कुसुमाकर ने बताया कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुए एकलव्य जनजातीय विद्यार्थी सम्मेलन में कुछ छात्रों ने नारेबाजी और अनुचित व्यवहार के बारे में जानकारी लेने पुलिस हमारे महाविद्यालय आई और विद्यार्थियों से पूछताछ की।
प्राचार्य ने बताया कि पुलिस ने उन विद्यार्थियों की सूची ली है, जिन्होंने जनजातीय विद्यार्थी सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
मौके पर पहुंचे यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष जावेद खान ने कहा कि जनजातीय विद्यार्थी सम्मेलन में आक्रोशित छात्रों की नारेबाजी के बाद खुद मुख्यमंत्री चौहान ने कहा था कि बैकलॉग के खाली पदों पर एक साल के भीतर भर्ती कर ली जाएगी।
लेकिन, अपने हक की आवाज उठाने वाले विद्यार्थियों को पुलिस ने पूछताछ के नाम पर करीब घंटे तक नजरबंद रखा। उन्होंने कहा कि जब पुलिस के बड़े अफसरों को फोन करके इस कदम पर विरोध जताया गया, तब संस्कृत महाविद्यालय से आदिवासी छात्रों को घर जाने की अनुमति दी गई।