Helicopter Accident : अकेले जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की स्थिति स्थिर

वे बतौर फाइटर पायलट जगुआर के स्क्वाड्रन में तैनात रहे

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Group Captain Varun Singh

 

New Delhi : तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में जीवित बचे अकेले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) की हालत गंभीर, पर स्थिर है। वरुण सिंह का बेंगलुरु के कमान अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया गया कि उनकी हालत गंभीर, पर स्थिर है।                                    IMG 20211211 WA0029

हेलीकॉप्टर हादसे में 14 लोगों में से इकलौते बचे वरुण सिंह (Varun Singh) का पूर्वांचल से गहरा रिश्ता है। देवरिया उनकी जन्मभूमि तो गोरखपुर कर्मभूमि रही। वे बतौर फाइटर पायलट जगुआर के स्क्वाड्रन में तैनात रहे। चार माह पहले वरुण सिंह (Varun Singh) शौर्य चक्र से सम्मानित हो चुके हैं। 12 अक्टूबर 2020 को फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बावजूद, वरुण ने करीब दस हजार फीट की ऊंचाई से विमान की सफल लैंडिंग कराई थी। इसके लिए 15 अगस्त को राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।

वे देवरिया के कन्हौली गांव के रहने वाले हैं। वे फाइटर पायलट (Fighter Pilot) हैं और 2007 से 2009 तक उनकी गोरखपुर में पोस्टिंग रही। वे जगुआर फाइटर प्लेन (Jaguar Fighter Plane) उड़ाते रहे हैं। गोरखपुर से उनका हैदराबाद तबादला हुआ था और इन दिनों वे तमिलनाडु के वेलिंगटन में तैनात हैं। वेलिंगटन स्थित डिफेंस एकेडमी के कार्यक्रम में CDS बिपिन रावत को हिस्सा लेना था, कैप्टन उन्हीं के साथ जा रहे थे, लेकिन उसी दौरान हादसा हो गया।

पिता केपी सिंह भी सेना में रहे हैं। कर्नल केपी सिंह भी देश सेवा कर चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद वह भोपाल में रह रहे हैं। वरुण की पोस्टिंग तमिलनाडु में है। पत्नी गीतांजलि, बेटा रिद्धिमान व बेटी आराध्या वहीं रहती हैं।

वरुण सिंह, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजे हैं। वे गोरखपुर विश्वविद्यालय में गृह विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो दिव्या रानी सिंह के चचेरे भाई हैं। प्रो. दिव्या रानी बताती हैं कि वरुण से परिवार का मान-सम्मान बढ़ा है। शौर्य चक्र मिलने के बाद क्षेत्र के लोगों का सीना चौड़ा हो गया। सब गर्व से वरुण की शौर्य गाथा सुनाते हैं। ग्रुप कैप्टन वरुण की पढ़ाई चंडीगढ़ से हुई है। वे शुरू से ही मेधावी और बहादुर रहे।