Helpful Indore Administration : इंदौर प्रशासन ने आपदा पीड़ितों और गरीबों को सालभर में ₹2.50 करोड़ से ज्यादा की मदद दी!

प्राकृतिक आपदा प्रभावितों, दिव्यांगों, घर टूटने और सर्प दंश से पीड़ित लोगों को आर्थिक सहायता दी!

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Helpful Indore Administration : इंदौर प्रशासन ने आपदा पीड़ितों और गरीबों को सालभर में ₹2.50 करोड़ से ज्यादा की मदद दी!

Indore : कलेक्टर आशीष सिंह ने अपने एक साल के कार्यकाल में दरियादिली दिखाते हुए न केवल गरीबों को शिक्षा और आर्थिक सहायता प्रदान की, बल्कि दिव्यांगों की भी मदद की। वहीं, महिलाओं के हाथों मे सिलाई मशीन देकर स्वावलंबी बनाया। इसके अलावा युवाओं को नौकरी दिलाने के साथ-साथ उन्हें कौशल उन्नयन के लिए प्रेरित भी किया है। समाज के हर वर्ग की मदद करते हुए 2 करोड़ 57 लाख रुपए की आर्थिक सहायता रेडक्रास के माध्यम से लगभग डेढ़ हजार लोगों को उपलब्ध कराई।

इंदौर प्रशासन ने जरूरतमंदों और बीमारी के इलाज के लिए खुले हाथों से मदद करने में तय किया। 2025 के लिए अब नए टारगेट के साथ प्रशासन के अधिकारी तैयार हैं। यदि पूर्व के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो रेडक्रॉस निधि के माध्यम से कलेक्टर ने 2 करोड़ 57 लाख रुपए से अधिक की राशि का उपयोग कर न केवल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई, बल्कि गरीब तबके के परिवारों को इलाज के रूप में एक करोड़ 48 लाख रुपए से भी अधिक की सहायता मुहैया कराई। शिक्षा के लिए 45 लाख रुपए खुले हाथों से जहां खर्च किए गए, वहीं सिर्फ मदद के लिए हाथ बढ़ाने से बेहतर उपाय निकलते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने जरूरतमंदों के हाथों में हुनर देने की भी पहल की। हजारों युवाओं को कौशल योजना के तहत कुशल कारीगर बनाया गया है।

 

रोजगार के साधन मुहैया करवाए

आमतौर पर जनसुनवाई व कलेक्टर की समक्ष सुनवाई में दिव्यांगों और अन्य जरूरतमंदों की हाथ मदद मांगने के लिए आगे आते रहे हैं। इसे देखते हुए उन्होंने दिव्यांगों को हुनरमंद बनाने के लिए कंपनियों से अनुबंध कर कौशल परीक्षण कराया। शिक्षा के क्षेत्र में 190 छात्रों की मदद करते हुए 45 लाख रुपए की सहायता जहां दी। वही होनहार 7 छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए लैपटॉप उपलब्ध कराया। पूर्व कलेक्टर ने दिव्यांगों को मदद के तौर पर 600 से अधिक दो पहिया वाहन निशुल्क उपलब्ध कराए गए थे। जिनका दुरुपयोग रोकने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने मोट्रेट ट्राईसाइकिल वितरण शुरू किया। 60 से अधिक व्हीकल रेडक्रॉस निधि के माध्यम से बांटे गए हैं। गंभीर बीमारियों से पीडि़त 413 मरीज को एक करोड़ 48 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के साथ-साथ आयुष्मान योजना का भी लाभ दिलवाया गया है।

 

आपदा पीड़ित लोगों को मदद दी गई

इस दौरान किसी का घर टूटा, कोई पानी में डूबा, किसी की फसल नष्ट हुई तो किसी को सर्प ने डस लिया। इन सभी प्राकृतिक आपदा से पीड़ित ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के रहवासियों को 21 लाख की मदद पहुंचाई गई। आपदा में 28 ग्रामीणों के मकान क्षतिग्रस्त होने पर उन्हें 16 लाख 9200 की क्षतिपूर्ति के रूप में दिए गए। जबकि, ग्रामीण क्षेत्र में फसल खराब होने के 24 मामले सामने आए थे, जिसमें 20 लाख 5508 रुपए मुहैया कराए गए हैं, वहीं 36 मौत पानी में डूबने के कारण हुई थी, जिसकी क्षतिपूर्ति भी दिलाई गई है। सांप डसने के 9 मामलों में 36 लाख रुपए सरकारी मद से दिलवाए जा चुके हैं। आगजनी की घटना में मकान और फसल जलने के भी 43 मामले प्रकाश में आए थे, जिन पर तुरंत संज्ञान लेते हुए 8 लाख 49 हजार की राशि मुहैया कराई गई है।