Hi-Tech Revenue Record Room : CM ने प्रदेश के पहले हाईटेक राजस्व रिकार्ड रूम का जबलपुर कलेक्ट्रेट में उद्घाटन किया!  

एक क्लिक में दस्तावेज सामने आ जाएगा, 100 साल पुराने डॉक्यूमेंट्स को सहेजने में डेढ़ करोड़ रुपए खर्च!

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Hi-Tech Revenue Record Room : CM ने प्रदेश के पहले हाईटेक राजस्व रिकार्ड रूम का जबलपुर कलेक्ट्रेट में उद्घाटन किया! 

Jabalpur : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गुरुवार शाम जबलपुर कलेक्ट्रेट में प्रदेश के पहले हाईटेक डिजिटलाइजेशन रिकार्ड रूम का उद्घाटन किया। करीब डेढ़ करोड़ की लागत से बने इस हाईटेक रिकॉर्ड रूम में 100 साल पुराने दस्तावेजों को भी सहेज कर रखा गया। जबलपुर कलेक्टर कार्यालय में स्थित राजस्व अभिलेखागार को आधुनिकतम रूप में विकसित किया गया है, जिससे आवेदकों को राजस्व अभिलेखों की नकल प्राप्त करना अब आसान हो गया। जबलपुर के इस रिकॉर्ड रूम के बाद अब प्रदेश के बाकी जिलों में भी इसी तरह राजस्व रिकॉर्ड को संजोने का प्रयोग शुरू हो सकता है।

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जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने रिकॉर्ड से संबंधित दस्तावेजों को तलाश करने का सरल तरीका ईजाद किया है। प्लास्टिक के डिब्बों में अब रिकॉर्ड कई वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। रिकार्ड रूम को बैंक के लॉकर की तरह बनाया गया है। किस तहसील और किस नाम का रिकॉर्ड कहां पर सुरक्षित रखा है, और कहां है, यह कंप्यूटर से बहुत ही आसानी से पता चल जाएगा। रिकार्ड रूम की सारी जानकारी एक ऑनलाइन एप्लीकेशन तैयार कर उस पर अपलोड की गई है। आवेदक घर बैठे भी मोबाइल ऐप की सहायता से जानकारी प्राप्त कर सकता है।

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116 साल के जबलपुर की जमीनों से जुड़े हुए कागजों की संख्या लगभग 48 लाख है। इनमें से 14 लाख कागजों को स्कैन करके डिजिटल फॉर्मेट में तैयार कर लिया गया है। जबलपुर जिले का साल 1909-10 से आज तक का राजस्व रिकार्ड उपलब्ध है। पहले रिकार्ड तलाश करने में कर्मचारी लगा करते थे। अब या प्रदेश का पहला राजस्व रिकार्ड रूम है, जो पूरी तरह से डिजिटल हो गया। तहसील और आवेदक का नाम बताने पर एक क्लिक से राजस्व रिकॉर्ड की जानकारी सामने आ जाएगी निकल आएगी।

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राजस्व प्रकरणों एवं पुराने दस्तावेजों को व्यवस्थित ढंग से प्लास्टिक बैग में डालकर नंबर से प्लास्टिक के बॉक्स में जमाया गया है। प्रत्येक प्लास्टिक बॉक्स की तहसील के हिसाब से कलर कोडिंग की गई। उन पर मौजा वार, वर्ष वार, मद वार केस के डिटेल स्टिकर प्रिंट कर चिपकाए गए हैं। रिकॉर्ड रूम और उसमे रखी रैक्स का रंग रोगन किया गया है। रिकॉर्ड रूम एयरकंडीशंड बनाया गया। हर रैक और उसकी शेल्फ को एक यूनिक आईडी नंबर दिया गया।