High Court Imposed Fine on Accused : पुलिस की गुंडों के विरुद्ध कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की, आरोपियों पर लगाया जुर्माना!

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MLA in MP Punished

High Court Imposed Fine on Accused : पुलिस की गुंडों के विरुद्ध कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की, आरोपियों पर लगाया जुर्माना!

गुंडे हर्षवर्धन सिंह गुर्जर के विरुद्ध है, 6 अपराधिक मामले दर्ज!

Ratlam : जिले के सैलाना थाने पर 16-जनवरी-2024 को आरोपी हर्षवर्धन सिंह गुर्जर उसके साथी संदीप जाट ने फरियादी गेंदालाल के साथ लातों घुसों से मारपीट की थी इतना ही नहीं गेंदालाल को चाकू मारकर घायल करते हुए उससे 10 हजार रुपए लूटकर भाग गए थे, मामले में सैलाना पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 323, 324, 294, 392, 394/34 आईपीसी 1980 और 3 (2) (वी-ए) और 3(1) (आर) (एस) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था।

इस मामले में एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के निर्देश पर सैलाना थाने की पुलिस ने गुंडे हर्षवर्धन सिंह गुर्जर एवं संदीप जाट को गिरफ्तार कर दोनों पर कार्यवाही की थी। पुलिस द्वारा की कार्यवाही के विरुद्ध आरोपी हर्षवर्धन सिंह गुर्जर द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिसमें पुलिस द्वारा अवैधानिक कस्टडी में रखने का आरोप लगाते हुए पुलिस के विरुद्ध जुर्माने की मांग की गई थी।

इस पर न्यायालय द्वारा मामले की जांच कर यह पाया गया की आरोपी हर्षवर्धन सिंह गुर्जर एवं सह आरोपी संदीप जाट ने फरियादी के साथ मारपीट करते हुए फरियादी को चाकू से घायल कर फरियादी के 10 हजार रुपए भी लूट लिए थे। इसे लेकर पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपियों को हिरासत में लिया गया था।

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न्यायालय में याचिकाकर्ता हर्षवर्धन सिंह गुर्जर के विरुद्ध 6 अपराधिक मामले दर्ज होकर आरोपी आपराधिक प्रवृत्ति का बदमाश है। आरोपी हर्षवर्धन के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत भी कार्यवाही भी की गई थी।

न्यायालय ने याचिका की जांच में यह पाया की याचिकाकर्ता हर्षवर्धन द्वारा पुलिस पर दबाव बनाने तथा अपना प्रभाव जमाने के उद्देश्य से पुलिस के विरुद्ध अवैधानिक हिरासत में रखने का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता का यह पहला अपराधिक मामला नहीं है बल्कि इसके अलावा भी याचिकाकर्ता पर मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देने आदि के 6 अन्य अपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। अतः यदि न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता को किसी भी प्रकार की राहत प्रदान की जाती है तो यह सीधे तौर पर न्यायालय की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।

उच्च न्यायालय द्वारा यह कहा गया कि यह याचिका पूर्णतः गलत उद्देश्य से दायर की गई है। यह याचिका खारिज करने योग्य है। इस तरह से गलत उद्देश्य से याचिका दायर करने वाले लोगों को यह एहसास होना चाहिए की न्यायालय में याचिका प्रस्तुत करने का कोई गंभीर कारण होना चाहिए, केवल दबाव बनाने या अपना प्रभाव जमाने के उद्देश्य से याचिका दायर करना बिलकुल भी उचित नहीं है। अतः इसे 25 सौ रुपए के जुर्माने के साथ खारिज किया जाता है।

न्यायालय द्वारा जुर्माने की राशि को 4 सप्ताह के भीतर जमा करने के निर्देश दिए गए। समय सीमा में जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर भूमि कर के रूप में जुर्माना वसूल करने के निर्देश दिए गए।