High Court Orders: गुना के बहुचर्चित नाबालिग लड़की के अपहरण की जांच अब CBI करेगी,7 साल पहले लापता, बनी हुई है रहस्यमय!

111

High Court Orders: गुना के बहुचर्चित नाबालिग लड़की के अपहरण की जांच अब CBI करेगी,7 साल पहले लापता, बनी हुई है रहस्यमय!

ग्वालियर। गुना के बहुचर्चित नाबालिग लड़की के अपहरण की जांच अब CBI करेगी।
हाईकोर्ट ने यह आदेश लड़की के पिता की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है। पिछले 7 सालों से यह मामला हाई कोर्ट में लंबित है। कोर्ट ने माना कि पुलिस की जांच में गंभीर खामियां हैं जिसके चलते एक नाबालिग लड़की का अब तक पता नहीं चल सका है।

हाई कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि गुना पुलिस दो सप्ताह के भीतर इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज नार्को पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट CBI के सुपुर्द करे। CBI जल्द से जल्द इस मामले की जांच कर लड़की का पता लगाए।जांच के दौरान जो भी दोषी पाया जाए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। यदि पुलिस की ओर से यह लापरवाही बरती पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
गुना के आरोन थाना प्रभारी रहे अभय प्रताप सिंह की भूमिका पर भी हाईकोर्ट ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं।क्योंकि लड़की के पिता गजेंद्र सिंह चंदेल के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट में तत्कालीन थाना प्रभारी अभय प्रताप सिंह की जानकारी में लड़की का होना, उन्होंने बताया था।

इस मामले में अपहरण के आरोपी बने जितेंद्र प्रजापति को मुख्य मास्टर माइंड बताया गया। पुलिस ने इस संवेदनशील मामले में किस तरह की जांच की है, यह इसी से पता चलती है कि लड़की के अपहरण के प्रत्यक्ष दर्शियों के बयान अधीनस्थ न्यायालय में पेश नहीं किए गए।जबकि हाईकोर्ट में इन बयानों को अभियोजन की ओर से दिखाया गया था। साल 2017 में जब यह नाबालिग लड़की आरोन इलाके से गायब हुई थी। तब उसकी उम्र 16 साल थी। लड़की अपने अपहरण के बाद कहां चली गई, इसे लेकर पुलिस की जांच प्रगति सिफर रही।कोर्ट ने भी पुलिस द्वारा बताए गए मुख्य आरोपी जितेंद्र को को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।जितेंद्र ने यह तो माना कि उसकी लड़की से मुलाकात थी, लेकिन लड़की कहां है इसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। यह बात जितेंद्र के नार्को टेस्ट में भी सामने आई थी।

बाइट : अनिल श्रीवास्तव… पीडित पिता के अधिवक्ता हाईकोर्ट ग्वालियर