
High Court Orders: तबादला प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा- MP से जुड़े IAS अधिकारी की याचिका खारिज की
जबलपुर: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने 17 जुलाई 2025 को एक अहम फैसले में IAS अधिकारी एमएल मीणा की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उनके मणिपुर तबादले को चुनौती दी गई थी।
कोर्ट ने जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस डीके पालीवाल की युगलपीठ के जरिए स्पष्ट किया कि तबादला प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है और सरकार यह तय करने के लिए स्वतंत्र है कि किस अधिकारी को किस स्थान पर और किस पद पर नियुक्त किया जाए।
कोर्ट ने कहा कि इस अधिकार में दखल देना न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, जब तक स्पष्ट कानून का उल्लंघन या अधिकारों का हनन न हो।
बता दे कि एमएल मीणा मणिपुर-त्रिपुरा कैडर के 2001 बैच के IAS अधिकारी है और मध्य प्रदेश में आ गए थे। उन्होंने अपनी याचिका में केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए इंटर स्टेट ट्रांसफर (राज्यांतर तबादला) के आदेश पर रोक की मांग की थी और इसमें राहत देने की अपील की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। अदालत के अनुसार, तबादला सिर्फ प्रशासनिक जरूरतों के अनुसार किया गया निर्णय है और इसमें अधिकारी की व्यक्तिगत इच्छा या आपत्ति के आधार पर राहत नहीं दी जा सकती।
इस फैसले से यह संदेश गया है कि सरकार को अधिकारियों के तबादले संबंधी निर्णय लेने में काफी हद तक स्वायत्तता है। कोर्ट ने प्रशासनिक स्वतंत्रता के सिद्धांत को मजबूत किया और माना कि अगर तबादला नियमों के तहत किया गया है तो अदालत उसमें हस्तक्षेप नहीं करती है।





