High Profile Seat : मुश्किल में फंसी 3 केंद्रीय मंत्री और 4 सांसदों की साख!
Bhopal : भाजपा ने इस बार एक नया प्रयोग करते हुए अपने 7 सांसदों को विधानसभा सीटों पर उतारा है। इनमें 3 तो केंद्रीय मंत्री हैं। ये प्रयोग इसलिए किया गया कि जहां भाजपा को चुनाव जीतने में मुश्किल है, वहां तरह जीतने की कोशिश की जाए। लेकिन, इनमें से ज्यादातर जगह हालात ठीक नहीं है। इनके सामने ‘करो या मरो’ की स्थिति बनी है।
इन सात में से सीधी और नरसिंहपुर को छोड़कर बाकी पांच सीटों दिमनी, निवास, गाडरवारा, जबलपुर पश्चिम और सतना सीटों पर 2018 में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। अब जबकि चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई ये सीटें कड़े संघर्ष में फंसी हैं। इस प्रयोग का कारण कि बड़े नेताओं की मौजूदगी से उस सीट के साथ ही आसपास की सीटों पर भी पार्टी के उम्मीदवारों को चुनावी फायदा मिलेगा।
इनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर और प्रहलाद पटेल अन्य सीटों पर स्टार प्रचारक के तौर पर प्रचार में जुटे हैं। तोमर तो भाजपा चुनाव अभियान समिति के भी मुखिया हैं। तीसरे केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के बारे में जानकारी मिली कि उनकी स्थिति ठीक नहीं है। आदिवासी बहुल ‘निवास’ सीट पर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए जोर लगाना पड़ रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में निवास क्षेत्र में कुलस्ते के भाई राम प्यारे कुलस्ते को कांग्रेस के डॉ अशोक मर्सकोले ने 28315 मतों से शिकस्त दी थी।
सांसदों का चुनाव क्षेत्र बनी सातों विधानसभा सीटों के तुलनात्मक नतीजों के हिसाब से भाजपा को निवास विधानसभा सीट पर ही सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। इस वजह से केंद्रीय मंत्री कुलस्ते अपने राजनीतिक करियर की सबसे कठिन चुनौती में फंस गए हैं।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के सामने मुरैना संसदीय क्षेत्र की दिमनी सीट पर कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर हैं। पिछली बार भाजपा को इस सीट पर 18477 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। केंद्रीय मंत्री कुलस्ते के सामने निवास सीट पर कांग्रेस ने चैन सिंह बारकड़े को उम्मीदवार बनाया है। कुलस्ते यहां मतदाताओं के घर-घर दस्तक दे रहे हैं। तीसरे केंद्रीय मंत्री नरसिंहपुर सीट से दमोह के सांसद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल हैं जिनके सामने कांग्रेस के लखन सिंह पटेल खड़े हैं। वे भी पहली बार विधायक बनने के लिए मतदाताओं से मनुहार कर रहे हैं।
सीधी में सांसद रीति पाठक के सामने कांग्रेस के ज्ञान सिंह खड़े हैं। लेकिन, रीति पाठक को ज्यादा बड़ी चुनौती भाजपा के मौजूदा विधायक केदार शुक्ला दे रहे हैं। इसके अलावा भी दूसरे असंतुष्ट नेता चुनौती बन गए। जबलपुर (पश्चिम) सीट पर सांसद राकेश सिंह के सामने हारी हुई सीट को जिताने चुनौती है। लेकिन, उनको भी असंतुष्टों का सामना करना पड़ रहा है। उनके सामने कांग्रेस से मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री तरुण भनोत हैं।
गाडरवारा में सांसद राव उदय प्रताप सिंह के सामने कांग्रेस विधायक सुनीता पटेल खड़ी हैं। सतना में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण के अलावा भाजपा के असंतुष्ट नेताओं ने सांसद गणेश सिंह की मुश्किलें बढ़ा दी। उन्हें घर और बाहर दोनों तरफ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को यहां उम्मीदवार बनाया है।