Hijab Controversy : स्कूल के पोस्टर में हिजाब वाली हिंदू छात्राओं के मामले की फिर जांच!
Damoh : स्कूल में हिजाब विवाद पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने दमोह कलेक्टर को पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए। इसके बाद दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने पुनः जांच समिति गठित की, जिसमें डिप्टी कलेक्टर की अध्यक्षता में एसडीओपी पुलिस, एसडीएम, सीएमओ और डीपीसी शामिल किए गए हैं। पुरानी कमेटी में डिप्टी कलेक्टर व एसडीओ पुलिस को भी जोड़ा गया है।
दमोह के गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन पर हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने का आरोप लगा है। छात्राओं के परीक्षा परिणाम का एक पोस्टर लगा था, जिसमें हिंदू छात्राएं भी हिजाब पहने दिखाई दे रही हैं। इस मामले ने सांप्रदायिक रूप ले लिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को जांच के आदेश दिए थे। बुधवार को ही हिंदूवादी संगठनों ने भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी। अब गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए।
छात्राओं के परीक्षा परिणाम के पोस्टर में स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने हिजाब की तरह दिखने वाला एक कपड़ा अपने सिर पर लपेटा है। पूरा विवाद इसी कपड़े को लेकर शुरू हुआ। इससे पहले स्कूल पर धर्मांतरण के आरोप भी लग चुके हैं। खबर फैली तो राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो ने ट्वीट किया था। दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने मामले की जांच भी कराई। लेकिन, जांच में धर्मांतरण की बात अफवाह साबित हुई।
दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि मामले की खबर मिलने के बाद हमने कोतवाली टीआई और कुछ अधिकारियों को मिलाकर एक टीम बनाई थी। इस पूरे मामले की जांच की। अभिभावकों से बात हुई और स्कूल प्रबंधन से भी बात की गई है। धर्मांतरण का मामला कहीं सामने नहीं आया।
जांच टीम में शामिल दमोह कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत का कहना है स्कूल प्रबंधन ने सफाई में कहा कि इस स्कार्फ को हिजाब समझा जा रहा है। यह स्कूल की यूनिफार्म का एक हिस्सा है। स्कूल के सभी बच्चे पहन सकते हैं, लेकिन किसी पर दबाव नहीं है। स्कूल के संचालक मुश्ताक खान ने बताया कि स्कूल में यूनिफॉर्म में स्कार्फ शामिल है। इसे पहनने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाता है।
कलेक्टर ने फिर बनाई जांच टीम
कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि पहले मैंने जांच करा ली थी। अब गृहमंत्री के आदेश हुए हैं। इस वजह से फिर से एक जांच टीम बना रहे हैं। इसमें तहसीलदार, जिला शिक्षा अधिकारी और पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। उन सभी की बनाई जांच रिपोर्ट को गृह मंत्री को भेजा जाएगा।
स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग
गंगा जमुना स्कूल को लेकर शुरू हुए इस विवाद के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने बुधवार दोपहर कलेक्ट्रेट पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई जांच को गलत ठहराते हुए जांच अधिकारियों पर भी आरोप लगाए हैं। लोगों ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की भी मांग की है। जिला शिक्षा अधिकारी पर भी कार्रवाई की मांग की है।
ज्ञापन देने पहुंचे लोगों में शामिल मोंटी रैकवार ने कहा कि हिंदू धर्म की बेटियों को जानबूझकर हिजाब पहनने पर मजबूर किया जा रहा है ऐसे लोगों को सजा जरूर मिलनी चाहिए। गंगा जमुना स्कूल के हिजाब के मामले में आज पुनः हिंदू संगठनों ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नारेबाजी करते हुए कालिख पोतने की कोशिश की परंतु पुलिस व्यवस्था के कारण वह सफल नहीं हो पाए।