आर्थिक समृद्धि और भारत की निर्णायक भूमिका का साल है हिंदू नववर्ष…
हिंदू नववर्ष में माता रानी का प्रवेश और विदाई सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग में हो रही है। यह योग शुभ संकेत दायक और फलदायी है। हिंदू नववर्ष की शुरुआत बुधवार से हो रही है। यह देश के लिए आर्थिक समृद्धि का साल साबित होगा। साथ ही विश्व शांति में भारत की भूमिका निर्णायक रहेगी। रूस-यूक्रेन युद्ध में हस्तक्षेप कर भारत युद्ध खत्म कराने में प्रभावी भूमिका निभा सकता है। विश्व युद्ध जैसी संभावना नहीं बनेगी। भारत इस नए साल में किसी गंभीर बीमारी का इलाज खोजने में सफल होगा। माताजी नौका पर सवार होकर आ रही हैं, जो प्राकृतिक प्रकोपों से बचाव में सहायक होंगी। हालांकि शनि का प्रभाव देश और मध्यप्रदेश पर रहेगा, जिसका असर देखने को मिल सकता है। धर्म के क्षेत्र में प्रगति होगी, लेकिन धार्मिक स्थानों की सुरक्षा की तरफ भी विशेष ध्यान देना पड़ेगा। देश को घुसपैठ जैसी समस्याओं से भी सावधान रहने की जरूरत पड़ेगी।
हिंदू नववर्ष को लेकर यह ज्योतिषीय आकलन है ज्योतिष मठ के पंडित विनोद गौतम का। यानि कि हिंदू नववर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक होने वाला है। वहीं मोदी की विश्व में धाक को बढ़ाने वाला है। 22 मार्च 2023 से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080 का आगाज हो रहा है। इसे नव संवत्सर के नाम से भी जाना जाता है। हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नववर्ष की शुरुआत होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसमें भी 12 महीने होते हैं, पहला माह चैत्र और आखिरी फाल्गुन मास होता है। हिंदू नववर्ष को अलग-अलग राज्यों में विभिन्न नामों से जाना जाता है और इसे मनाने का तरीका भी अलग होता है। महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक इस दिन को उगादी, पंजाब में बैसाखी और सिंधी चेती चंडी के नाम से मनाते हैं। इस बार हिंदू नववर्ष 2023 के राजा बुध और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे। इसीलिए बुध और शुक्र का प्रभाव इस हिंदू नववर्ष में साफ तौर पर दिखने वाला है।
22 मार्च 2023 को चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष का प्रारंभ हो रहा है। हिंदू नववर्ष का प्रारंभ तीन बड़े राजयोग में हो रहा है। मीन राशि में बुध और सूर्य की युति होने से बुधादित्य राजयोग बन रहा है, वहीं चंद्रमा के साथ गुरु की युति गजकेसरी योग बना रहा है। नव संवत्सर के राजा बुध और मंत्री शुक्र हैं। दोनों में मैत्री भाव होने के कारण यह वर्ष शुभ फलदायी माना जा सकता है। हिंदू नववर्ष का शुभारंभ उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में हो रहा है, जिसके स्वामी शनि देव हैं। इस वजह से यह नया साल धन, सुख, समृद्धि में बढ़ोत्तरी करने वाला होगा। व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाभ होगा।
हिन्दू नव वर्ष की जब शुरुआत होती है तब चैत्र का महीने होता है और बसंत ऋतु का आगमन होता है। चैत्र माह और हिन्दू नव वर्ष का पहला त्यौहार नवरात्रि पड़ता है जिसमें 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूर्ण श्रद्धा से पूजा की जाती है। साथ ही इस दिवस को संवत्सरारंभ, युगादी, गुडीपडवा, वसंत ऋतु आरम्भ आदि नामों से भी जाना जाता रहा है। हिन्दू नववर्ष से ही देश में नवीन वर्ष की शुरुआत मानी जाती है जो की चैत्र महीने में होता है। और इसे हर्ष उल्लास का त्यौहार भी कहा जाता है।
तो हिंदू नववर्ष में सभी के चेहरों पर खुशी बनी रहे और सभी जन समृद्धि की दिशा में उत्तरोत्तर आगे बढ़ते रहें। भारत के लिए यह आर्थिक समृद्धि और भारत की निर्णायक भूमिका का साल है हिंदू नववर्ष। हिंदू नववर्ष की में पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, पांचवे दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी और नवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। नौका पर सवार होकर आने वाली मां का आशीर्वाद मध्यप्रदेश की सभी साढ़े आठ करोड़ आबादी पर बना रहे। रामनवमी पर जन्मे प्रभु राम सबके दिलों को सहजता, सरलता, विनम्रता, दयालुता के भाव भर दें, बस यही कामना है। सभी को हिंदू नववर्ष की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं…।