Historical Chaturmas Concludes : रतलाम के ऐतिहासिक चातुर्मास का समापन!

279

Historical Chaturmas Concludes : रतलाम के ऐतिहासिक चातुर्मास का समापन!

डॉ संयमलतामसा आदि ठाना को श्रीसंघ ने दी नम आंखों से विदाई!

Ratlam : श्रमणसंघीय आचार्य डॉ शिवमुनी मसा. की आज्ञानुवर्तिनी, गुरुणी पूज्या कमलावती जी मसा. की शिष्या, दक्षिण चंद्रिका महासती डॉ संयमलताजी, साध्वी डॉ अमितप्रज्ञा जी, साध्वी डॉ कमलप्रज्ञा जी, साध्वी सौरभ प्रज्ञा जी आदि ठाना 4 का श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ नीमचौक में आराधनमय वर्षावास संपन्न कर गुरुवार को प्रातः जैन स्थानक से विदाई विहार रखा गया जो शहर के विभिन्न मार्गो से होता हुआ श्रीसंघ अध्यक्ष अजय खिमेसरा के निवास स्थान पर जाकर प्रजापति धर्मशाला मे मंगल अनुष्ठान के रूप मे संपन्न हुआ। विदाइ समारोह के मंगल अनुष्ठान की कलश स्थापना के लाभार्थी मिट्ठूलाल अजय कुमार, आयुष कुमार खीमेसरा परिवार ने की। इस अवसर पर डॉ कमलप्रज्ञाजी मसा. और साध्वी सौरभप्रज्ञाजी ने स्तवन के माध्यम से रतलाम वालों को ना भूलेंगे हम विदाई गीत गाया। गीतिका के दौरान श्रावक श्राविकाओं की आंखे नम हो गई थी। इसी के साथ साथ डॉ अमितप्रज्ञामसा ने “मत रोको हमको बहुत दूर जाना” की गीतिका प्रस्तूत की जिससे सदन मे सभी की आंखों से अश्रु निकलने लगे।

श्रीसंघ मिडिया प्रभारी नीलेश बाफना ने बताया की प्रातः जैन स्थानक से विदाई विहार प्रारम्भ हुआ तो बालिका मंडल, बहु मंडल, महिला मंडल, श्री संघ, बालक मंडल के साथियो ने नम आंखों से पूज्य सतिया मंडल को विदाई देते पुनः शीघ्र चातुर्मास रतलाम करने की विनती की। इस चातुर्मास की मुख्य उपलब्धिया सात मासखामण, पांच सिद्धि तप, पांच सजोड़े आजीवन शिलव्रत प्रत्यखान, 105 अठाई, 800 तेले, हर रविवार पाठशाला जिसमे 200 बच्चे की उपस्थिति, 400 श्रावक श्रविकाओं द्वारा शुक्रवार एकासन, कई श्रावक-श्राविकाओं ने ज्ञान ध्यान, स्वाध्याय, सामायिक प्रतिकामण कंठस्य किए, 120 दिन में 500 सामायिक, 300 सामायिक, 100 सामायिक किए और विशेष उपलब्धि यह रही की हमने जितना मांगा उससे सवाया देना हुआ। इसके साथ साथ करोड़ो से भी अधिक बार अरिहंत और सिद्ध प्रभु के मंत्र का उच्चारण इस चातुर्मास काल के दौरान हुआ।

WhatsApp Image 2025 11 06 at 5.14.42 PM 1

समारोह को सम्बोधित करते हुए जैन दिवाकरीय महासध्वी डॉ संयमलताजीमसा ने कहा की किसने कहा विदाई हैं किसने कहा जुदाई हैं यह तो परमात्मा महावीर का आदेश है जहां चार माह तक साधु-साध्वी आते हैं उन्हें वापस जाना होता है, मगर रिश्ते नाते नही छुटते हैं यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा। यह नीमचोक श्रीसंघ एक वट वृक्ष की तरह है यहां छाया लेने साधु साध्वी आते जाते रहते है और यहां के श्रावक फुल के समान हैं जिनकी सुगंध से हम लोग आते-जाते रहेंगे।

समारोह को संघ गौरव महेंद्र बोथरा ने सम्बोधित करते कहा की जैन दिवाकर संघ एक ऐसा संघ हैं जो कहता है वो करता है, अध्यक्ष अजय खिमेसरा, महामंत्री विनोद कटारिया ने जब से भार संभाला तभी से एक बेहतरीन टीम तैयार की जो इस सफल चातुर्मास का आधार है। तनीषा, आयुषी, आयुष, सीमा खिमेसरा ने भी अपने भाव व्यक्त किए।

श्रीसंघ अध्यक्ष अजय खिमेसरा ने कहा की संयमलता जी की सिद्धि, अमितप्रज्ञा जी की ज्योतिषी, कमलप्रज्ञाजी का मधुर गान, सौरभप्रज्ञाजी की जोशीला तान ने इस चातुर्मास को ऐतिहासिक सफल बनाया। आपकी उचित दिशा निर्देशन मे पूरे चातुर्मास में सभी कार्यक्रमों श्रावक-श्रविकाओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। इस ऐतिहासिक सफल चातुर्मास के लिए मे पुरे श्री संघ का आभार मानता हूं। कार्यक्रम के दौरान खमेसरा परिवार परिवार द्वारा आदर की चादर पूज्य महासतियामसा को भेंट की गई। संचालन विनोद बाफना ने किया।