Historical Decisions of IMC: हर वार्ड का मास्टर प्लान, CCTV कैमरे के लिए कानून!
Indore : नगर निगम परिषद की पहली बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इस परिषद ने अल्प समय में ही कुछ ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जो भविष्य के इंदौर के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। वर्ष 2050 को ध्यान में रखकर कार्य किए जा रहे हैं। हर वार्ड का मास्टर प्लान बनाया जाएगा। सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कानून बनाने वाला इंदौर नगर निगम देश में पहला निगम बन गया है। आने वाले समय में शहर हित में कुछ कठोर निर्णय भी लिए जाएंगे।
बांड सडकें, हरियाली, जल की समस्या का निराकरण, स्वच्छता में नंबर वन आने के बाद आज की परिषद की यह बैठक दो-तीन कारणों से ऐतिहासिक रही। आज की बैठक में ऐसे प्रस्तावों को पारित किया कि जब भी इंदौर की बात होगी, इंदौर का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिया जाएगा। पहली एमआईसी की बैठक में सीसीटीवी के बायलाज बनाकर परिषद के समक्ष प्रस्तुत किए, जिसमें इंदौर का कोई भी भाग जहां सौ से अधिक लोगों का आना-जाना होता हो वहां सीसीटीवी लगाना जरूरी होगा। हैदराबाद ने यह कार्य किया, लेकिन जनभागीदारी से सीसीटीवी लगाने वाला इंदौर देश का पहला शहर होगा। एक सेंट्रलाइज कमांड सेंटर होगा जिसमें सभी सीसीटीवी की फीड हमें दिखाई देगी। साथ ही यह भी दिखाई देगा कि कौनसा सीसीटीवी कैमरा बंद है। जिस प्रकार से स्वच्छता नहीं रखने वालों को नोटिस देकर जुर्माना लगाते हैं वैसा प्रावधान भी इन नियमों में किया गया है। यदि किसी का सीसीटीवी कैमरा बंद है और जानबूझ कर बंद रखा जाता है तो उस पर जुर्माना लगाने की कारवाई भी की जाएगी।
ग्रीन एनर्जी के लिए ग्रीन बांड जारी
नर्मदा के तीन चरणों का पानी इस शहर के विकास में, हमारी जलापूर्ति में और जीवन चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लेकिन, उस जल को पम्प करके यहां तक लाने में लगभग 25 करोड रुपए प्रतिमाह का खर्च नगर निगम वहन करता है। इस खर्च को कम करने का प्रयास इस परिषद ने किया। जलूद में सोलर प्लांट लगाने का निर्णय लेकर मुख्यमंत्री का विशेष कार्य किया। महापौर ने कहा कि खरगोन की जनता का भी धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने खरगोन जिले की भूमि हमें उपलब्ध कराई। इस प्रोजेक्ट को लगाने में जो खर्च होगा उसके लिए इंदौर नगर निगम देश की पहली नगर निगम होगी, जो पब्लिक इश्यू के माध्यम से ग्रीन एनर्जी के लिए ग्रीन बांड जारी करेगी जो कि एक सिक्योर्ड अमाउंट होगा।
हुकुमचंद मिल की जमीन का फैसला
यह मामला वर्षों से अपनी लडाई लड़ रहे हुकुमचंद मिल के श्रमिकों का है जिसकी जानकारी विस्तार से पहले दी जा चुकी है इसलिए उसे दोहराने की जरूरत नहीं है। इस मिल की जमीन नगर निगम खरीदकर श्रमिकों को उनके हक़ का पैसा देगा।
कठोर निर्णय लेने का समय
महापौर ने कहा कि आने वाला समय कुछ कठोर निर्णय लेने का भी होगा चाहे वह सडकों और फुटपाथों पर हुए अतिक्रमण का विषय हो। अवैध रूप से बनने वाले भवन हों। ऐसी योजनाएं जो शहर को परेशानी में डालती हों उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
अवैध कॉलोनियों को वैध करेंगे
महापौर ने कहा कि अवैध कॉलोनियों को वैध करने का काम अभियान चलाकर किया जाएगा। 196 कॉलोनियों को मुख्यमंत्री के निर्देश पर आने वाले चुनाव के पहले वैध करेंगे। रिडेंसिफिकेशन योजनाओं के माध्यम से शहर में स्वास्थ्य और खेलों के लिए अच्छे खेल मैदान और हॉस्पिटल्स उपलब्ध कराने का काम भी करेंगे। शहर के 29 गांव जिनमें बिजलपुर भी शामिल है उनके विकास के लिए पांच वर्षों में बजट का अलग से प्रावधान किया जाएगा। अलग योजना बनाई जाएगी।
हर वार्ड का मास्टर प्लान
महापौर ने कहा कि पूरे शहर के एक-एक वार्ड का मास्टर प्लान बना कर काम करेंगे, ताकि आने वाली परिषद उसी अनुरुप कार्य कर सके। यह बहुत साधारण कार्य है। अभी कि नगर निगम, विकास प्राधिकरण और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने देवास, उज्जैन और पीथमपुर को मिलाकर प्लान बनाने का कार्य किया है। लेकिन, हमने इंदौर को दो हिस्सों पूर्वी और पश्चिम झोन में बांटकर उनका झोनल प्लान बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। यह शहर मोहल्लों से मॉल तक पहुंचा है। बस्तियां बिजनेस सेंटर में तब्दील हो रही हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरे शहर को मिले इस भाव को लेकर काम करते रहेंगे। किसी भी व्यक्ति का कोई सुझाव हो, नगर निगम के सभी प्लेटफॉर्म पर दे सकते हैं।
2050 को ध्यान में रखकर योजनाएं
महापौर ने कहा कि सीसीटीवी लगाना, ग्रीन बांड जारी करना, महिला सुरक्षा की चिंता करना, बड़ी ड्रेनेज लाइनें, सड़कों का निर्माण करना यह 2050 के इंदौर की तैयारी है। इस तैयारी में विशेष रूप से मुख्यमंत्री, पीडब्ल्यूडी, नगरीय प्रशासन विभाग, इंदौर विकास प्राधिकरण का सहयोग रहा। बनने वाले पुल इंदौर की सबसे बड़ी समस्या अर्थात ट्रैफिक समस्या से हमें निजात दिलाने और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास का काम करेंगे।
51 चौराहों पर सेंसर वाले सिग्नल
नगर निगम ने भी अपनी भूमिका निभाते हुए तीन महीनों में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने का काम किया है। इस सिस्टम में शहर के 51 चौराहों पर सेंसर और कैमरे वाले ट्रैफिक सिग्नल लगेंगे। यह सिस्टम नियम तोडने वालों को ऑनलाइन चालान भेजेगा, रेड लाइट का उल्लंघन करने वालों का चालान बनाएगा और शहर के चारों कोनों में डिफाल्टर या ब्लेक लिस्टेड गाडी आती-जाती है उसका रिकार्ड भी रखेगा। नेता प्रतिपक्ष बार-बार यह सवाल खड़े न करें कि तीन माह की हमारी उपलब्यिां क्या हैं। यह तीन माह की उपलब्धियां इस परिषद की हैं।