Honey Trap Case : कोर्ट में सबूत दिखाने के निर्देश पर आपत्ति, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे 

आरोपियों के वकील ने कहा कि हम इस आदेश से संतुष्ट नहीं!

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Aarti Dayal's Blackmailing Story

Indore : बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने जिला कोर्ट को विशेष निर्देश दिए कि जिस इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को पुलिस द्वारा जब्त किया गया है, उसे कोर्ट के सामने सभी आरोपियों व अधिवक्ताओं की मौजूदगी में दिखाया जा सकता है। इसे लेकर आरोपी के अधिवक्ता धर्मेन्द्र गुर्जर ने आपत्ति ली है। यावर खान ने कहा कि हम इस फैसले से हम असंतुष्ट हैं। हमें सभी आरोपियों को सभी इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज जैसे पैन ड्राइव, सीडी, देने की बात कही थी। इस आदेश को हम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।

आरोपी के अधिवक्ता धर्मेन्द्र गुर्जर के मुताबिक हनी ट्रैप मामले में SIT ने जो CD, पेन ड्राइव, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए थे। उनकी FSL जांच कराई गई थी। FSL जांच होने के बाद पुलिस ने आरोपियों के वकीलों को इसकी जांच की CD देने से इनकार किया था। जिला न्यायाधीश (एट्रोसिटी एक्ट) रेणुका कंचन को कोर्ट ने यह आदेश दिए थे कि जब्त CD व जांच रिपोर्ट की एक प्रति आरोपी के वकीलों को भी दी जाए।

शासन ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चैलेंज किया था। HC ने पुलिस और आरोपी के वकीलों के तर्क सुनकर आदेश सुरक्षित रखा था। बुधवार को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की कोर्ट ने आदेश दिए। जब्त CD, पेन ड्राइव और सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को जिला न्यायाधीश (एट्रोसिटी कोर्ट) इंदौर के सामने CD चलाकर आरोपी के अधिवक्ता उसका अवलोकन कर सकते हैं। धर्मेन्द्र गुर्जर ने कहा कि हम इस आदेश से संतुष्ट नहीं हैं और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

जांच के लिए हैदराबाद भेजा 

मामले की जांच में SIT ने आरोपी महिलाओं से CD, मोबाइल, पेन ड्राइव सहित काफी सामान जब्त किया था। इसकी जांच पुलिस ने अपनी ही लैब में करवाई। इसे कोर्ट ने अनुचित मानते हुए जब्त किए गए सभी इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को हैदराबाद स्थित लैब में जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए थे।


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