Honey Trap Return : हाई कोर्ट ने 8 को नोटिस देकर जवाब मांगा
Indore : नेताओं और अफसरों के अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने वाले बहुचर्चित हनीट्रैप (Honey Traps) मामले में नया मोड़ आ गया। गिरफ्तार आरोपी आरती दयाल की याचिका पर हाईकोर्ट (High Court) ने इंदौर नगर निगम के तत्कालीन इंजीनियर हरभजन सिंह समेत 8 लोगों को नोटिस दिया है। उनसे जवाब मांगा गया है कि मोनिका यादव की मानव तस्करी के मामले में उन्हें आरोपी क्यों न बनाया जाए! इन सभी को जवाब के लिए चार हफ्ते का समय दिया गया है।
मामले की एक आरोपी मोनिका यादव के पिता ने पलासिया थाने में अपनी बेटी की मानव तस्करी का मामला दर्ज कराया था। इसमें आरती दयाल, श्वेता जैन, अभिषेक समेत चार लोग आरोपी थे। मोनिका ने मुख्य परीक्षण के दौरान दिए अपने बयान में 11 लोगों के नाम बताए थे। बाद में वह सिर्फ आरती दयाल, अभिषेक, श्वेता को छोड़कर बाकी लोगों के नाम से मुकर गई।
मुख्य परीक्षण के दौरान मोनिका के बयानों को आरती ने आधार बनाकर हाई कोर्ट (High Court) में याचिका लगा दी। याचिका में उसने मांग की थी कि मोनिका की तरफ से मुख्य परीक्षण के दौरान लिए गए सभी नामों को उसी तरह आरोपी बनाया जाए, जिस तरह उस जैसे तीन अन्य लोगों को बनाया गया है। इस पर हाई कोर्ट ने उन सभी लोगों को नोटिस भेजा है, जिनके नाम मोनिका ने मुख्य परीक्षण के दौरान लिए थे। फिलहाल आरती इंदौर जेल में बंद है। उसके वकील मानस मनी वर्मा ने कोर्ट में यह याचिका लगाई थी।
हनीट्रैप मामले की प्रारंभिक जांच में कई नेता और अफसरों के नामों की चर्चा थी। इसी कारण तत्कालीन डीजीपी वीके सिंह (DGP VK Singh) ने SIT का गठन किया था। लेकिन, विवादों को टालने के लिए 9 दिनों के अंदर ही इस टीम के प्रमुख को तीसरी बार बदला गया था। SIT की जिम्मेदारी सबसे पहले 1997 बैच के आईपीएस डी श्रीनिवास वर्मा (IPS D Srinivas Rao) को दी गई। गठन के 24 घंटे के अंदर ही इसकी जिम्मेदारी एडीजी संजीव शमी (ADG Sanjeev Shami) को दी गई। लेकिन, बाद में SIT प्रमुख राजेंद्र कुमार (Rajendra Kumar) को बना दिया गया।
पूरे देश में चर्चित
17 सितंबर 2019 को इंदौर नगर निगम में कार्यरत सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह ने पलासिया थाने में खुद को ब्लैकमेल किए जाने की FIR दर्ज कराई थी। हरभजन सिंह ने दावा किया था कि उन्हें 29 साल की आरती दयाल नाम की महिला ब्लैकमेल कर रही है। आरती ने उनसे तीन करोड़ (3 Cr) रुपए की रंगदारी की मांग की। रकम न चुकाने पर इंजीनियर के कथित अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी गई।
पुलिस ने जब जांच की तब पता चला कि इस गैंग ने राज नेताओं, नौकरशाहों और कई बड़े रसूखदारों को ब्लैकमेल करने के लिए उनके अश्लील वीडियो बनाए हैं। जिन्हें सार्वजनिक करने की धमकियों के एवज में जबरन वसूली की जाती थी। इस मामले में पुलिस ने भोपाल की संदिग्ध मास्टरमाइंड श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन सहित पांच महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया था।
इस पूरे मामले की सूत्रधार श्वेता विजय जैन थी। श्वेता अफसरों और नेताओं से आरती समेत गिरोह में शामिल युवतियों की दोस्ती करवा देती थी। बाद में आरती उन्हें अपने जाल में फंसाकर वीडियो बना लेती। फिर श्वेता के इशारे पर रुपए वसूलने का काम होता था। इंजीनियर के लिए भी इसी तरह जाल बिछाया गया था। आरती दयाल उर्फ आरती अहिरवार उर्फ ज्योत्सना ने पूछताछ में बताया था कि गिरोह की मुखिया श्वेता विजय जैन है।
गैंग ऑफ ब्लैकमेलर्स
● आरती दयाल छतरपुर की रहने वाली है। हनीट्रैप कांड में गिरफ्तारी से पहले कृषि, ग्रामीण व पंचायत विभाग से NGO के नाम पर फंडिंग ली। भोपाल-इंदौर में कलेक्टर रहे एक IAS की करीबी रही। मीनाल रेसीडेंसी में फ्लैट, होशंगाबाद रोड पर प्लॉट।
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● श्वेता विजय जैन मूलत: सागर की निवासी। भाजपा में सक्रिय रही। भोपाल के मीनाल रेजीडेंसी में उसका बंगला है। बुंदेलखंड, मालवा-निमाड़ के एक-एक पूर्व मंत्री की करीबी रही। NGO के नाम से पैसा लिया। सागर के एक कलेक्टर के साथ बंगले पर उनकी पत्नी ने ही पकड़ा था। बाद में काफी विवाद भी हुआ।
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● श्वेता स्वप्निल जैन भोपाल की रहने वाली है। रिवेयरा टाउन में एक पूर्व मंत्री के बंगले में 35 हजार रुपए महीने पर किराए से रहती थी।
● बरखा भटनागर सोनी निमाड़ के एक नेता के साथ कांग्रेस में आई थी। इस नेता के पूर्व मंत्री के भाई से अच्छे संबंध रहे हैं। NGO के नाम से काफी डोनेशन लिया। पति अमित सोनी कांग्रेस आईटी सेल (Congress IT Cel) में रहा।
● मोनिका यादव मूलतः राजगढ़ निवासी है। BSc की पढ़ाई करने भोपाल आई थी। गिरफ्तारी के दौरान उम्र 18 साल से थोड़ी ज्यादा थी। आरती दयाल ने मदद के बहाने उसे पैसे का लालच देकर हनी ट्रैप के दलदल में ढकेला गया।