Dewas : पुलिस ने हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में आरोपी जोया उर्फ मोनिशा डेविड को भीलवाड़ा से गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने जोया को 3 दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। करीब दो सप्ताह पहले देवास का नर्सिंग होम संचालक डॉक्टर इस हनी ट्रैप का शिकार हुआ था।
डॉ पवन कुमार चिल्लोरिया ने 19 अगस्त को सिटी कोतवाली पुलिस को शिकायत की थी कि मुख्य आरोपी भीलवाड़ा निवासी जोया उर्फ मोनिशा डेविड के अलावा देवास के डॉ संतोष दाभाड़े, डॉ महेन्द्र गालोदिया के खिलाफ भी धारा 384,120 B के तहत केस दर्ज किया गया था।
इस मामले में भीलवाड़ा की एक हसीना के जलवे और उनकी अदाओं के हनी में ट्रैप होते ही ब्लैकमेलिंग और जबरिया वसूली का काला कारोबार शुरू हो गया था। एक नर्सिंग होम संचालक डॉक्टर से एक हसीना और दो डाक्टरों ने मिलकर 9 लाख रुपए ऐंठ लिए। जब खेल यहीं खत्म नहीं हुआ तो डॉक्टर ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
शिकायत में बताया कि उनके पास एक फोन आया जो एक महिला ने किया था। उसने कहा आप डॉ सिंघल बोल रहे हैं तो डॉ पवन चिल्लोरिया ने कहा नहीं। आपको यह नंबर किसने दिया तब महिला ने कहा मैं जोया बात कर रही हूं। डॉ सिंघल से बात करना थी, लेकिन आपका नंबर लग गया। फिर दोबारा फोन आया और महिला बोली आपसे बात की, तो लगा कि आप अच्छे इंसान हैं। आपसे दोस्ती की जा सकती है।
बस यहीं से शुरू हुआ सिलसिला और उन्हें हनी के जाल में ट्रैप कर रुपए ऐंठ लिए। डॉक्टर के आवेदन पर पुलिस ने जांच शुरू की और शहर के तीन वकीलों को नोटिस जारी कर उनके भी बयान दर्ज किए। माना जा रहा है कि अभी इसमें कई परतें खुलने बाकी हैं। मामले में परत दर परत कई चेहरे और बेनकाब हो सकते हैं।