Hostel warden suspended : कट्ठीवाड़ा आवासीय कन्या परिसर में 59 बालिकाओं के एक साथ बीमार होने पर अधीक्षिका निलंबित

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Hostel warden suspended : कट्ठीवाड़ा आवासीय कन्या परिसर में 59 बालिकाओं के एक साथ बीमार होने पर अधीक्षिका निलंबित

– राजेश जयंत

Alirajpur: जिले में जनजातीय कार्य विभाग के कट्ठीवाड़ा स्थित माता शबरी कन्या आवासीय परिसर में सोमवार को 59 छात्राओं की अचानक तबीयत बिगड़ने की घटना ने पूरे जिले को हिला दिया। सुबह अचानक एक के बाद एक बालिकाओं को घबराहट, उल्टी, चक्कर आने की शिकायत के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया था। जहां इलाज के बाद अधिकांश को घर भेजा गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने छात्रावास की अधीक्षिका मीना चौहान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

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*लापरवाही पर निलंबन*

– निलंबन आदेश के मुताबिक अधीक्षिका मीना चौहान ने बीमारी की सूचना संबंधित अधिकारियों को समय पर नहीं दी। रात में छात्राओं के साथ केवल चौकीदार मौजूद था।

– 1 अगस्त को नायब तहसीलदार ने निरीक्षण किया था। पाई गई कमियों पर कारण बताओ नोटिस जारी हुआ।

– 30 अगस्त को सहायक आयुक्त के निरीक्षण में भी अनियमितताएं उजागर हुईं, लेकिन वार्डन ने आज तक जवाब नहीं दिया।

– प्रथम दृष्टया गंभीर लापरवाही मानते हुए अधीक्षिका को निलंबित कर उनका मुख्यालय भाभरा नियत किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।

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*छात्राओं की हालत और इलाज*

सोमवार सुबह अचानक उल्टी, घबराहट और बेचैनी की शिकायत के बाद 59 छात्राओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कट्ठीवाड़ा लाया गया। डॉक्टरों ने तत्काल उपचार शुरू किया।

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उपचार के बाद 38 छात्राओं को परिजनों के साथ घर भेज दिया गया। बाकी छात्राओं को निगरानी में वापस छात्रावास भेजा गया। अस्पताल में मौजूद दो डॉक्टरों ने सभी बालिकाओं का इलाज किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी यहां विलंब से पहुंचे। आकस्मिक स्वास्थ्य सुविधाओं, टीम की कोई व्यवस्था नहीं की गई।

*विधायक का कड़ा रुख*

बीमारी की खबर मिलते ही विधायक सेना महेश पटेल मौके पर पहुंची। उन्होंने छात्रावास निरीक्षण कर भोजन सामग्री को घटिया बताया। खराब सब्जी, ईल्ली वाली सोयावडी तथा निम्न क्वालिटी के आटे की ओर ध्यान दिलाया। विधायक ने खंड शिक्षा अधिकारी और जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की। अस्पताल के प्रबंधन पर भी उन्होंने एतराज जताया। कहां कि स्वास्थ्य विभाग आकस्मिक हादसे के लिए चिंतित नहीं है।

*प्रशासन की सख्ती*

कलेक्टर डॉ. अरविंद अभय बेडेकर ने कहा-

“मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।”