मप्र के कैसे कैसे मंत्री!

909

 

मप्र के कैसे कैसे मंत्री!

कायदे से इन राज्यमंत्री के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने की एफआईआर होना चाहिए। लेकिन सरकार ने मंत्री जी के कहने पर एक खाद्य इंस्पेक्टर जैसे अदने से अफसर को 430 किलोमीटर दूर ट्रांसफर कर दिया है। मामला सतना जिले के अमरपाटन का है।

images 1665487167314

राज्यमंत्री राम खिलावन पटेल खाद्य इंस्पेक्टर नीरज विश्वकर्मा को फोन पर धमकी देते हैं कि अमरपाटन में खाने पीने की वस्तु बेचने वाले किसी भी व्यापारी का सेम्पल लिया तो उल्टा लटका दूंगा। मंत्री जी शायद भूल गये कि इंस्पेक्टर की नियुक्ति ही खाने पीने की वस्तुओं में मिलावट को रोकने के लिए हुई। उसे सेम्पल लेने से रोकना शासकीय कार्य में बाधा डालना ही है। लेकिन राज्य सरकार ने एक खाद्य इंस्पेक्टर का तबादला करके संदेश दे दिया कि अब मिलावट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी स्थानीय विधायक से पूछकर की जाए। सुन रहे हैं न शिवप्रकाश जी, अजय जामवाल जी, मुरलीधर राव जी…क्या आप मंत्री और सरकार की इस कार्रवाई के पक्षधर हैं?

ब्लेक लिस्टेड कंपनी को 39 करोड़ का ठेका

मध्यप्रदेश  पुलिस महानिदेशक के आदेश पर दो वर्ष पहले जिस कंपनी को ब्लेक लिस्टेड किया गया था, उसी कंपनी को पुलिस विभाग की दूरसंचार शाखा ने प्रदेश के 50 जिलों में लगे सीसीटीवी कैमरों के 3 वर्ष के रखरखाव का 38.84 करोड़ का ठेका दे दिया है। दरअसल टेक्नोसिस सिक्युरिटी सिस्टम्स प्रालि से पुलिस मुख्यालय की विशेष शाखा ने इंदौर, उज्जैन व जबलपुर के लिए तीन मोबाइल कमांड एंड कंट्रोल व्हीकल खरीदे थे।

PHQ

इस कंपनी ने ढंग से सर्विसेज नहीं दीं तो व्हीकल्स व उनके उपकरणों का ढंग से उपयोग नहीं हो पाया। डीजीपी के आदेश पर इस कंपनी को एक वर्ष के लिए ब्लेक लिस्टेड किया गया था। हालांकि एक वर्ष की अवधि पूरी हो चुकी है। खास बात यह है कि कंपनी ने नया आर्डर लेने के लिए इस बार अपना पता गाजियाबाद के बजाय भोपाल बताया है।

दो अफसर लगा रहे हैं पाइप फैक्टी!

मप्र मंत्रालय में चर्चा तेज है कि प्रदेश के एक वरिष्ठ आईएएस का बेटा और एक रिटायर आईएएस स्वयं एसडीपी पाईप फैक्ट्री शुरु करने जा रहे हैं। किसी भी आईएएस के बेटे और रिटायर आईएएस को व्यवसाय करने की आजादी है। लेकिन मजेदार बात यह है कि वरिष्ठ आईएएस प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में पदस्थ हैं। उन्हें केन्द्र की योजनाओं और राज्य सरकारों को मिलने वाले फंड की जानकारी रहती है। मप्र में नल जल योजना के तहत 18 हजार करोड़ का बजट मंजूर हुआ है। इसमें केन्द्र सरकार भी बड़ा हिस्सा देने वाली है। अफसरों को पता है कि आने वाले समय में एसडीपी पाईप की मांग मप्र सहित अन्य राज्यों में बढ़ने वाली है। इसीलिए दोनों अफसर पाईप की फैक्टी लगाने में रूचि ले रहे हैं।

कमलनाथ और डाॅ. गोविन्द सिंह का धर्मसंकट

मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह अजीब धर्मसंकट में हैं। इस धर्मसंकट से उभरने दोनों नेताओं ने सोमवार को लंबी बैठक की। दरअसल अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे दोनों उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर वोट मांगने भोपाल आ रहे हैं। इधर चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री ने आचार संहिता लागू कर दी है कि किसी उम्मीदवार का प्रचार करना है तो पद से त्यागपत्र देना होगा।

govind singh

कमलनाथ के घर हुई बैठक में तय हुआ कि दोनों प्रत्याशियों को प्रदेश कार्यालय आने और प्रदेश प्रतिनिधियों से मिलने की अनुमति होगी, लेकिन कमलनाथ और डाॅ. गोविन्द सिंह न तो प्रदेश कार्यालय जाएंगे और न ही इन दोनों में से किसी के लिए अपील करेंगे। हां यदि दोनों प्रत्याशी वोट मांगने इनके घर आते हैं तो सामान्य मुलाकात करेंगे। खड़गे 12 अक्टूबर को और थरूर 14 अक्टूबर को भोपाल आ रहे हैं।

रावण के पुतले में भ्रष्टाचार!

यह खबर चौंकाने वाली, लेकिन एक एकदम सही बताई जा रही है। भिण्ड नगर पालिका के अफसरों ने दशहरा पर जलाने के लिए रावण का पुतला बनवाने में भी जमकर भ्रष्टाचार कर लिया। रावण का पुतला बनाने वाले को 2000 रुपये प्रति फीट की दर से 60 फीट के रावण के पुतला का 1.20 लाख का भुगतान किया गया। जबकि ऐसा रावण का पुतला मात्र 15 से 20 हजार में बन सकता है। भिण्ड के जागरूक लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए रावण के पुतले की फोटो के साथ इस भ्रष्टाचार को उजागर किया तो लोगों ने जमकर मजे लिए हैं। एक फेसबुक पेज पर इस संबंध में आए 112 कमेंट में लोगों ने नगर पालिका अफसरों को रावण की मानसिकता का बता दिया।

मप्र के दो मलाईदार थाने, दोनों के टीआई सस्पेंड

मप्र के दो सबसे मलाईदार थानों की बात की जाए तो नम्बर एक पर आता है सिंगरौली का मोरवा थाना, जहां कोयले के अवैध ट्रकों से जमकर वसूली होती है। दूसरे नम्बर पर आता है इंदौर का क्राइम ब्रांच थाना जहां रईसों पर अडीबाजी कर करोड़ों की वसूली होती है। इन दोनों थानों की वसूली में भोपाल का संरक्षण और हिस्सा दोनों रहता है। इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय से लेकर दीनदयाल परिसर तक है, लेकिन सबकी मौन स्वीकृति रहती है। संयोग देखिए बीते 15 दिन में इन दोनों थानों के टीआई सस्पेंड कर दिए गए। मोरवा में ट्रक माफिया ने एक एएसआई को डंडों धुना तो डीजीपी की सख्ती के बाद टीआई सहित 5 को निलंबित किया गया। इंदौर में टीआई साहब ने सांसद के ससुराल पक्ष पर अड़ी डाली तो सीधे सीएम ने उन्हें सस्पेंड कराया। चर्चा है कि मोरवा थाने में फिर वसूली शुरु हो गई है।

और अंत में….

गरीबों को मुफ्त उपचार देने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजना आयुष्मान भारत को लेकर मप्र में माहौल गरमाया हुआ है। पिछले कुछ दिन से आयुष्मान योजना के सीईओ अनुराग चौधरी (आईएएस) और उनकी सहयोगी सपना लोवंशी के खिलाफ बेनामी शिकायतों का पुलिंदा अखबारों के दफ्तर पहुंच रहा है। इन दोनों पर अनर्गल व बिना ठोस प्रमाण के करोड़ों कमाने के आरोप लगाये जा रहे हैं। शिकायतकर्ता अलग अलग नामों से स्पीड पोस्ट कर यह शिकायतें अखबारों में भेज रहे हैं। दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि अनुराग चौधरी की नियुक्ति के बाद आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत अस्पतालों की मनमानी को सख्ती से रोका गया है। गरीबों को आसानी से इस योजना का लाभ मिल सके इसलिए आयुष्मान कार्ड आसानी से बनाये जा रहे हैं। किसी भी गरीब का इलाज करने से मना करना वाले अस्पताल पर कठोर कार्रवाई हो रही है इसलिए अस्पताल प्रबंधकों में हडकंप है। यही लोग बेनामी शिकायतें करा रहे हैं।