आयुर्वेद के अनुसार चावल कैसे पकाने चाहिए? एक्सपर्ट से जानें सही तरीका

सूखा भूनने के बाद चावल बनाना चाहिए

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आयुर्वेद के अनुसार चावल कैसे पकाने चाहिए? एक्सपर्ट से जानें सही तरीका

हम भारतीय चावल खाना बहुत पसंद करते हैं और इससे तरह-तरह के पकवान बनाते हैं। यह हमारी डाइट का अहम हिस्सा है। यहां तक कि कई राज्य ऐसे हैं, जहां रोटी की बजाए मुख्य भोजन में चावल का अधिक सेवन किया जाता है।

चावल खाने में बहुत स्वादिष्ट होते हैं और इन्हें खाने से पेट जल्दी भर जाता है। ये पचने में आसान होते हैं और सेहत के लिए बहुत लाभकारी भी होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं चावल खाने से आपकी सेहत को कितना लाभ मिलेगा, यह काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि आखिर आप चावल को किस तरह पकाकर खाते हैं। हम सभी का चावल पकाने का अपना एक अलग तरीका है। कुछ लोग चावल को सिर्फ उबालकर खाना पसंद करते हैं, तो वहीं कुछ मसालों के साथ तड़का लगाकर और बिरयानी या पुलाव आदि के रूप में पकाकर खाते हैं। लेकिन क्या आपको चावल पकाने का आयुर्वेदिक तरीका पता है? अगर आप आयुर्वेदिक तरीके से चावल पकाकर खाते हैं, तो यह आपकी सेहत के लिए बहुत लाभकारी हो सकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. चैतली राठौर (BAMS Ayurveda) ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में आयुर्वेद के अनुसार चावल पकाने की रेसिपी शेयर की है। साथ ही, आयुर्वेदिक तरीके से चावल पकाकर खाने के फायदे भी बताए हैं। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं….

चावल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और इसे कई तरीकों से डाइट में शामिल किया जा सकता है। यह ग्लूटेन-फ्री होते हैं और इसमें आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और बी विटामिन जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा, चावल में सोडियम की मात्रा कम होती है और यह शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। चावल फाइबर का भी अच्छा स्रोत है, जो पाचन में सुधार करने में मदद करता है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखता है। लेकिन कई स्थितियों और स्वास्थ्य समस्याओं में चावल खाने से परहेज करने या बहुत सीमित मात्रा में सेवन करने की सलाह दी जाती है या जैसे, मोटापा, डायबिटीज, पीसीओडी, थायराइड, हाई ब्लड प्रेशर आदि। लेकिन अगर आप आयुर्वेदिक तरीके से चावल पकाकर खाते हैं, तो बिना किसी परेशानी के चावल का आनंद ले सकते हैं। साथ ही, इससे आपकी स्थिति में सुधार करने में भी मदद मिलती है।

आयुर्वेद भोजन को आसानी से पचाने पर बहुत महत्व देता है, ताकि आंतों से रक्त में और वहां से शरीर की कोशिकाओं में पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर किया जा सके। आयुर्वेद खाना पकाने से पहले उन्हें भूनकर या पानी की मात्रा बढ़ाकर उनकी पाचनशक्ति बढ़ाने की सलाह देता है। इसके लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें..

ड्राई रोस्ट करें

सूखा भूनने से अनाज की सतह पर मौजूद स्टार्च की संरचना बदल जाती है और उनमें से कुछ कैरामेलाइज़ हो जाते हैं, जिससे चावल का स्वाद अधिक बढ़ जाता है। भूनने की प्रक्रिया से स्टार्च कम हो जाने के बाद, चावल चिपचिपा नहीं होता है और फूला हुआ रहता है।