Humanitarian Police : अमानक नंबर प्लेट देखकर रोका, सच्चाई जानकर खुद मदद की  

चालक के पास पैसे नहीं थे, सूबेदार ने पैसे देकर नंबर प्लेट लगवाई 

1154

Indore : यातायात प्रबंधन पुलिस सिर्फ वाहन चालकों को परेशान नहीं कर रही और न अकारण सजा दे रही है। इस पुलिस का एक मानवीय चेहरा भी सामने भी सामने आया है। एक सुबेदार जवान ने 6 हज़ार रुपए मासिक नौकरी करने वाले वाहन चालक को अमानक नंबर प्लेट के लिए रोका।

लेकिन, वाहन चालक की व्यथा सुनकर सुबेदार ने अपनी जेब से उसे पैसे देकर वाहन पर मानक नंबर प्लेट लगवाई और यातायात के नियमों के पालन करने की हिदायत दी।

महू नाका चौराहे पर सूबेदार भागीरथ अहिरवार यातायात प्रबंधन का कार्य देख रहे थे। इसी दौरान एक अमानक नंबर प्लेट लगी मोटरसाइकिल (MP 09-VK 0553) को रोका, जब वाहन चालक को उसकी गलती बताई, तो उक्त वाहन के चालक ने कहा कि मुझसे गलती हुई है। मुझे इस बारे में पता नहीं था।

लेकिन, अभी मेरे पास जुर्माना भरने की पर्याप्त राशि भी नहीं है। मेरे पास प्लेट ठीक करवाने के भी पैसे नहीं है। मैं पीथमपुर में स्थित एक टेक्सटाइल कंपनी में काम करता हूं और वहां जा रहा था।

WhatsApp Image 2022 02 04 at 4.31.11 AM

सूबेदार को उस युवक की बातें सही लगी। उसके वाहन का रजिस्ट्रेशन और वाहन चालक का लाइसेंस देखा और अपनी जेब से 100 रुपए देते हुए कहा कि पास में ही नंबर प्लेट बनाने की दुकान है।

वहां जाएं और अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कार्ड दिखाकर मानक नंबर प्लेट बनवाकर वाहन पर लगवाएं। उसके बाद ही मैं आपको छोड़ सकता हूं।

उन्होंने कहा कि यातायात प्रबंधन पुलिस का मकसद चालान करना नहीं, बल्कि वाहन चालकों को उनकी गलती का एहसास दिलाते हुए, यातायात के नियमों का पालन करवाना है।

वाहन चालक ने मानक नम्बर प्लेट लगवाने के बाद सूबेदार भागीरथ अहिरवार को दिखाते हुए कहा कि धन्यवाद, अब मैं स्वयं यातायात नियमों का पालन करूँगा व अन्य को भी नियमों के पालन के लिए प्रेरित करूँगा।