
Hundi Broker Caught by Police : अमानत में खयानत कर भागा हुंडी दलाल चढ़ा पुलिस के हत्थे, राजस्थान के उदयपुर से पुलिस ने दबोचा!
जिस नाटक का सामाजिक स्टेज पर नाटकिय मंचन किया वह हकीकत में बदला, मंचन करते करते-करते पंहुचा अदालत के पीछे!
Ratlam : रतलाम के लोगों का करोड़ों रुपए लेकर विगत 1 दिसम्बर 2025 से भागने वाले आरोपी विजय लोढ़ा को रतलाम पुलिस ने राजस्थान के उदयपुर से दबोचा हैं। वैसे विजय के रातों-रात शहर से नदारद होने के बाद शहर में हड़कंप मच गया था और लोगों की जुबान पर 15 करोड़ से अधिक लेकर भागने की बातें गली-मोहल्लों और चोराहे पर चर्चा हुई थी।
इसके कुछ दिनों बाद कुछ लोगों ने माणकचौक थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें 64 लाख रुपए लेकर भागने का विजय लोढ़ा के विरुद्ध आरोप था रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने कई स्थानों पर दबिशें दी थी उसके बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लग रहा था। एसपी अमित कुमार ने संबंधित पुलिस अधिकारियों को शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे।और आखिरकार बीते कल यानी शुक्रवार को पुलिस उसे राजस्थान के उदयपुर से गिरफ्तार किया है और शनिवार को रतलाम लाया गया जहां से पुलिस ने पुछताछ करने के बाद न्यायालय में पेश किया हैं।
बता दे की 10 दिन पहले रतलाम के तेजा नगर में रहने वाले रूपेश चपरोट (48) ने माणकचौक थाने में शिकायत दर्ज कराई थी और उनके साथ 3 से 4 अन्य व्यापारियों ने भी हुंडी दलाल विजय लोढ़ा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। फरियादी रूपेश चपरोट ने रिपोर्ट में पुलिस को बताया था कि वह विजय कुमार पिता मदन लाल लोढ़ा, निवासी शुभम रेसिडेंसी को करीब 10 साल से जानते थे।
विजय हुंडी की दलाली का काम करता था। पहचान के चलते उन्होंने ब्याज पर रुपए चलाने के लिए 3 मार्च 2025 को अपने एयू स्मॉल बैंक खाते से 8 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से विजय के एचडीएफसी बैंक खाते में ट्रांसफर किए थे।

इसके बाद 30 जून 2025 को फरियादी की पत्नी मोनिका के बैंक खाते में चेक के जरिए साढे सात लाख रुपए दिए गए। यह राशि हुंडी की दलाली के नाम पर एक प्रतिशत साहूकारी ब्याज से बाजार में चलाने के लिए दी गई थी। इस तरह कुल 11 लाख रुपए विजय लोढ़ा को दिए थे। जिसने 1 दिसंबर तक लौटने का वादा किया था और फिर परिवार समेत फरार हो गया था और उसके घर पर कोई भी नहीं मिला।
आरोपी हुंडी दलाल को पकड़ने की सूचना पर कई व्यापारी भी माणकचौक थाने पर पहुंचे हैं। विजय लोढ़ा ने हुंडी की दलाली और 1 प्रतिशत साहूकारी ब्याज के नाम पर व्यापारियों से कुल 64 लाख रुपए ले रखे थे जो इनमें रूपेश चपरोट के अलावा शरद मेहता, ललित कुमार कटारिया और कीर्ति कुमार सोनी भी हैं।
इसमें बसंत मेडिकल एजेंसी के प्रोप्राइटर शरद मेहता निवासी डालू मोदी बाजार से 10 लाख रुपए, सिद्धांचल सिंथेटिक के प्रोप्राइटर ललित कुमार पिता रखबचंद कटारिया निवासी न्यू क्लॉथ मार्केट से 11 लाख रुपए,कीर्ति कुमार सोनी पिता सुजानमल सोनी निवासी नीमचोक से 32 लाख रुपए लिए थे और वापस लौटाने का बहाना कर फरार हो गया था।
दिलचस्प वाकया!
आरोपी विजय लोढ़ा ने बीते महीने शहर के एक प्लेटफार्म पर सामाजिक मंचन किया था जिसमें उसने अपनी पत्नी को बताया कि मेरे धंधे में नुकसान लग गया है तुम्हारे पिताजी से मुझे रुपए दिलाओ इस नाटक के दौरान पत्नी उसके पिताजी से मिलवाती हैं और विजय लोढ़ा ससूर से रुपए मांगता है तब ससूर उसे रुपए देता है और कुछ दिनों बाद जब पत्नी के पिता अपनी बेटी से रुपए की मांग करता है तो पत्नी अपने पति को कहती है कि पिताजी दिए गए रुपए मांग रहे हैं तब विजय लोढ़ा अपनी पत्नी को बोलता है कि अपने बाप से कहो कि बाजार में लोगों से मुझे बहुत सारे रुपए लेना बाकी हैं जो मुझे नहीं दें रहे हैं वह जाकर लें, लें इस बात को लिखने का सीधा अर्थ यही है कि जो नाटक समाज के रंगमंच पर लोढ़ा ने किया था वह हकीकत में बदल गया और उसे लोगों के रुपए खाकर इधर उधर भटकने को मजबूर कर दिया। फिलहाल विजय कानून के कटघरे में खड़ा है देखते हैं और कौन-कौन लोग उसे हुंडी पर दिए गए रुपए लेने सामने आते हैं…..
देखिए वीडियो: क्या कह रहे हैं, एसपी अमित कुमार-





