गोल्ड कांप्लेक्स बनने से पहले ही उजड़े सैकड़ों पेड़, दर्जनों पक्षियों की चढ़ी बली

पर्यावरण प्रेमियों ने बिल्डर के विरुद्ध पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को लेकर करवाई FIR

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गोल्ड कांप्लेक्स बनने से पहले ही उजड़े सैकड़ों पेड़, दर्जनों पक्षियों की चढ़ी बली

Ratlam : रतलाम में लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया जिसमें एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारियों की लापरवाही ने सैकड़ों पक्षियों के बच्चों को असमय काल के गाल में पहुंचा दिया और 50 से अधिक घोंसले उजाड़ दिए।शहर के नगर निगम के सामने गोल्ड कॉन्प्लेक्स बना रहें बिल्डर्स ने मंगलवार को फिर से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कि इससे पेड़ों पर बने बगुले व अन्य पक्षियों के घोंसले गिर कर टूट गए। इसका परिणाम यह हुआ कि घोंसले में पल रहें पक्षियों के 52 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई और 16 से अधिक घायल हो गए।वहीं कई बेघर होकर उड़ गए।

सूचना मिलने पर पर्यावरण प्रेमी मौके पर पहुंचे। पक्षियों के बच्चों को सुरक्षित किया। राजस्व वन विभाग की टीम को बुलाकर पंचनामा बनवाया।

इसके बाद पर्यावरण प्रेमी के सदस्य महापौर प्रह्लाद पटेल से मिलकर निगम से जांच प्रतिवेदन बनवाया।इसके आधार पर स्टेशन थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। बता दें कि इसके पहले 19-20 अप्रैल की रात भी इसी बिल्डर्स ने पेड़ काटे थे। उस समय भी जमकर विरोध हुआ था। उसके बाद से कटाई बंद थी, और मंगलवार सुबह फिर से पेड़ों की कटाई चालू की गई। जब कुछ लोगों ने काटे गए पेड़ों के नीचे दबे पक्षियों को देखा।सूचना मिलने पर पर्यावरण प्रेमी अदिति दवेसर व अदिति मिश्रा मौके पर पहुंचे‌ और विरोध करते हुए साथियों को बुलवाकर मरे हुए घायल पक्षियों को देखकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। साथ ही निगम, वन विभाग और राजस्व विभाग को इस मामले की शिकायत की।

सूचना मिलने पर तहसीलदार ऋषभ ठाकुर, डिप्टी रेंजर कैलाशचंद्र डामर, नगर निगम उद्यान विभाग के सुपरवाइजर अनिल पारा मौके पर पहुंचे। कर्मचारियों ने पूछने पर बताया कि ठेकेदार ने पेड़ काटने का बोला था। जिम्मेदार के सामने नहीं आने पर वन विभाग राजस्व ने पंचनामा बनाया।

यहां से बबीता नागर, हेमा हेमनानी, श्रेय सोनी, आकाश कोठारी, शिल्पा जोशी, विशाल उपाध्याय, आर एन राठौड़ व अन्य पर्यावरण प्रेमी महापौर प्रह्लाद पटेल से मिलें जिन्हें पेड़ों को काटने की शिकायत की। पटेल ने सीटी इंजीनियर सुरेशचंद्र व्यास को बुलाया तो उन्होंने परमिशन देने की बात कही। पर्यावरण प्रेमियों ने बताया कि लापरवाह तरीके से कटाई होने से पक्षियों के बच्चे मर गए।जो वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 51 के तहत अपराध है। 2.49 हेक्टेयर में बनने वाले गोल्ड कांपलेक्स के लिए नगर निगम ने विधिवत 211 पेड़ काटने की अनुमति दे रखी हैं। इनमें से अधिकांश कट भी चुके हैं।यह परमिशन मार्च से जून तक दी गई थी। बदले में 300 पौधे और 27 हजार रुपए से ज्यादा क्षतिपूर्ति राशि वसूली है।

परमिशन के बावजूद घोंसले होने पर नहीं काट सकेंगे पेड़, कार्यवाही की जाएगी।

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