मुझे खुशी मिली इतनी…

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मुझे खुशी मिली इतनी…

 

आखिर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए रामनिवास रावत को मंजिल मिल ही गई है। एक विधायक के लिए मंत्री और वह भी कैबिनेट मंत्री बनना बहुत खुशी की बात होती है। रामनिवास रावत दिग्विजय सिंह की पहली मुख्यमंत्री की पारी में कैबिनेट दर्जा मंत्री बने थे। पर उसके बाद 1998 में हार गए और इसके ठीक बीस साल बाद 2018 में भी वह विधायक नहीं बन पाए थे वरना 15 महीने की कांग्रेस सरकार में भी वह कैबिनेट मंत्री बन गए होते। पर किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था। सो 2023 में छठवीं बार कांग्रेस से विधानसभा सदस्य चुनकर आए रामनिवास रावत को लोकसभा चुनाव ने रास्ता बदलने को मजबूर कर दिया। मुरैना में अपनी साख बचाने के लिए आखिर भाजपा ने रामनिवास रावत का दामन थाम ही लिया। और वादा कर दिया था कि लोकसभा चुनाव खत्म होते ही मंत्री पद का तिलक कर दिया जाएगा। पर थोड़ी देर हुई और फिर 8 जुलाई 2024 को भाजपा का यह वचन पूर्णता का पर्याय बन गया। अब रामनिवास रावत का मन खुशी से झूमने को बेताब था। शायद इसी खुशी में वह पहले तो राज्य मंत्री की शपथ ले बैठे, पर चंद मिनट बाद फिर कैबिनेट मंत्री की शपथ ले लिए।

एक गाना है रूप तेरा ऐसा, दर्पण में ना समाय। एक बार मुस्कुरा दो फिल्म का यह गीत इंदीवर ने लिखा था। संगीतकार ओ. पी. नय्यर थे। और गायक किशोर कुमार थे। बोल हैं कि ‘हारेगा जब कोई बाज़ी … तभी तो होगी किसी की जीत, दोस्त यही दुनिया कि रीत … तुम्हें मुबारक मन का मीत।

रूप तेरा ऐसा दपर्अण में ना समाय – २

खुशबू तेरे तन कि मधुबन में ना समाय

ओ मुझे खुशी मिली इतनी

ओ मुझे खुशी मिली इतनी, के मन में ना समाय

पलक बंद करलूँ कहीं झलक ही ना जाय

रूप तेरा …

रामनिवास रावत को मंत्री पद की खुशी ने ऐसा भरमाया कि वह सब भूलकर राज्यमंत्री पद की शपथ ले बैठे। पर आनन फानन में दूसरी बार शपथ लेकर कैबिनेट मंत्री बन गए। रामनिवास रावत को दो बार मंत्री पद की शपथ दिलानी पड़ी। वह भाजपा में शामिल होने के बाद 70 वें दिन मंत्री बन गए और चंद मिनटों में राज्य से कैबिनेट मंत्री बन गए। इतिहास में ऐसा उदाहरण कोई दूसरा नहीं मिलेगा।

आइए जानते हैं कि कौन हैं यह रामनिवास रावत। रामनिवास रावत (जन्म 21 जनवरी 1960) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मध्य प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने भारतीय युवा कांग्रेस से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और मध्य प्रदेश के विजयपुर निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे।वह दिग्विजय सिंह के पहले मंत्रिमंडल में मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। उन्होंने 2019 में भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ भारतीय संसद के लिए चुनाव लड़ा था। रावत का जन्म 21 जनवरी 1960 को स्वर्गीय गणेश प्रसाद रावत और भंती बाई के घर मध्य प्रदेश के विजयपुर में सुनवई तहसील में हुआ था। उन्होंने विज्ञान स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में इतिहास और एलएलबी में स्वर्ण पदक के साथ स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। रावत की शादी उमा रावत से हुई, जिनसे उनके दो बेटे और दो बेटियाँ हैं।

पांच बार विधायक रहे रावत ने 1986 में भारतीय युवा कांग्रेस के माध्यम से राजनीति में प्रवेश किया। वे पहली बार 1990 में और फिर 1993 में विजयपुर से विधायक चुने गए। रावत को 1993 में दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया। इसके बाद, उन्होंने 2003, 2008 और 2013 में विजयपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता। 2018 के विधानसभा चुनाव में, वे विजयपुर निर्वाचन क्षेत्र से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 2890 मतों से हार गए।2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ चुनाव लड़ा और मुरैना लोकसभा से 1,13,341 मतों से हार गए। रावत 30 अप्रैल 2024 को मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए और अब मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए हैं।