IAS इफ्तिखारुद्दीन ने पढ़ाया इस्लामिक कट्टरता का पाठ, video वायरल, मामले की जांच के आदेश

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Kanpur: देश के सामने धर्मांतरण एक गंभीर और बड़ी चुनौती है। इन दिनों राजनीतिक गलियारों तथा समाज के बीच यह मसला एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। ऐसे में कानपुर में तैनात रहे सीनियर IAS अधिकारी का एक वायरल वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। वायरल वीडियो में तत्कालीन Divisional Commissioner इफ्तिखारुद्दीन कथित तौर पर अपने सरकारी आवास में धर्म गुरुओं के साथ बैठक कर इस्लामिक कट्टरता का पाठ पढ़ा रहे हैं। दूसरे वक्ता इस्लाम का महत्व बताते हुए धर्मांतरण के फायदे गिना रहा है और धर्मांतरण किये हुए व्यक्ति की बातों का जिक्र कर इस्लाम को श्रेष्ठ बता रहा है। मामले को लेकर शासन ने संज्ञान लिया है और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि गंभीरता से मामले की जांच कराई जाएगी। उधर कानपुर के पुलिस आयुक्त कार्यालय ने ट्वीट करके बताया है कि मामले की जांच कानपुर के ADCP (East) को सौंपी गई है।

वरिष्ठ IAS अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन कई वर्षों तक कानपुर में मंडलायुक्त के पद पर कार्यरत रहें। सोमवार को उनका एक वीडियो वायरल हो गया। बताया गया है कि यह वीडियो उस समय का है जब अपने सरकारी आवास पर इस्लामिक धर्म गुरुओं के साथ बैठक कर रहे थे। आईएएस वहां बैठे लोगों को इस्लामिक कट्टरता का पाठ पढ़ाते हुए कह रहे हैं कि ‘ऐलान करो दुनिया के इंसानों से कि अल्लाह की बादशाहत और निजामियत पूरी दुनिया में कायम करनी है। इस्लाम धर्म अपनाने के फायदे भी गिना रहे हैं।’ वहीं एक वक्ता कई मनगढंत कहानियां भी सुना रहा है। वह बताता है कि इस्लाम में बहन-बेटियों को जलाया नहीं जाता। अल्लाह ने हमें उत्तर प्रदेश के तौर पर ऐसा सेंटर दिया है, जहां से पूरे देश और दुनिया में काम कर सकते हैं।

(यह वीडियो UttarPradesh.org News का है जिसे यहां हुबहू कॉपी पेस्ट किया गया है। इस वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि मीडियावाला नहीं करता है।)

गंभीरता से होगी जांच
वायरल वीडियो को लेकर मठ मंदिर समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट कर शिकायत की है। वहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से जब मीडिया ने वायरल वीडियो पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। अगर ऐसा कुछ है तो उसको गंभीरता से लिया जाएगा।

मोहम्मद इफ़्तिख़ारुद्दीन 1985 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी हैं।