IAS Neha Marvya: 14 साल के बाद डिंडोरी कलेक्टर बनीं नेहा मारव्या, अब नए आदेश से फिर सुर्खियों में!

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IAS Neha Marvya: 14 साल के बाद डिंडोरी कलेक्टर बनीं नेहा मारव्या, अब नए आदेश से फिर सुर्खियों में!

 

डिंडोरी: मध्यप्रदेश की चर्चित IAS अफसर नेहा मारव्या सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस से पंगा लेने के कारण में मध्य प्रदेश की प्रशासनिक गलियारों में वे हमेशा चर्चा में रही।

बताया गया है कि 14 साल तक फील्ड पोस्टिंग के लिए संघर्ष करने के बाद जनवरी 2025 में उन्हें आखिरकार डिंडोरी का कलेक्टर बनाया गया था। लेकिन अब उनका नया आदेश- जिसमें पत्रकारों के कलेक्टर ऑफिस में बिना अनुमति प्रवेश पर रोक लगा दी गई है- मीडिया और प्रशासनिक गलियारों में जबरदस्त चर्चा का विषय बन गया है।

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नेहा मारव्या अपने बेबाक और ईमानदार फैसलों के लिए जानी जाती हैं। कभी कलेक्टर की गाड़ी का बिल रोकने, कभी बड़े अधिकारियों से भिड़ने और कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के चलते वे हमेशा विवादों में रही हैं। उनके करियर में कई बार सीनियर्स से टकराव, फाइलें रोकना और सिस्टम से खुलकर असहमति जताना आम बात रही है। इसी वजह से उन्हें 2011 बैच में होने के बावजूद 14 साल तक कलेक्टरी नहीं मिली थी, जबकि उससे कई बाद के बैच के जूनियर अफसर कई जिलों की कलेक्ट्री कर चुके हैं।

 

2024 के आखिर में उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा साझा की थी- “नौ महीने से कोई काम नहीं, 14 साल में कभी फील्ड पोस्टिंग नहीं मिली, दीवारों में कैद हूं।” उनकी ये पोस्ट वायरल हुई और सरकार पर दबाव बना। आखिरकार, मोहन सरकार ने उन्हें डिंडोरी कलेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी।

 

अब नेहा का नया आदेश- जिसमें पत्रकारों के प्रवेश पर बैन लगा है, कोई सामान्य फैसला नहीं है। मध्यप्रदेश में पहली बार किसी कलेक्टर ने ऐसा आदेश जारी किया है। इसे लेकर चर्चाएं हैं कि क्या ये प्रशासनिक मजबूरी है या फिर पुराने विवादों की छाया? नेहा के समर्थक इसे उनकी ईमानदारी और सख्त प्रशासनिक शैली का हिस्सा मानते हैं, जबकि विरोधी इसे मीडिया से दूरी और पारदर्शिता पर सवाल बता रहे हैं।

 

फिलहाल, डिंडोरी में नेहा मारव्या का ये फैसला हर तरफ चर्चा में है, क्या ये सिस्टम की मजबूरी है या फिर सिस्टम से टकराने वाली अफसर की नई रणनीति? वक्त ही बताएगा!

*आज का प्रशासनिक घटनाक्रम*

डिंडोरी कलेक्टर नेहा मारव्या ने पूरे परिसर में लगाई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत पत्रकारों को कलेक्ट्रेट प्रवेश पर रोक लगाने के बाद स्थानीय पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर विरोध जताया। इसके बाद कलेक्टर द्वारा आज 1 जुलाई को संशोधित आदेश जारी करते हुए विशेष परिस्थितियों में कलेक्टर के संतुष्ट होने पर प्रतिबंधों में छूट देने की बात कही गई है। साथ ही 1 जुलाई को दोपहर 1:00 बजे जारी आदेश को लेकर वार्तालाप करने के लिए कलेक्टर ने पत्रकारों को आमंत्रित किया है लेकिन पत्रकारों ने आमंत्रण को नकारा…..